बिजली-पानी के बिल भरने की सुविधा भी मिलेगी पंचायत में
ग्राम पंचायतों को और अधिकार संपन्न बनाने के लिए राज्यों को निर्देश दिए गए हैं। इससे जहां ग्राम विकास की योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन किया जा सकेगा, वहीं शहरी क्षेत्रों की योजनाओं का लाभ भी समय से लोगों तक पहुंच जाएगा। स्थानीय प्रशासन का दायित्व भी इन्हीं लघु इकाइयों को सौंपे जाने की योजना है। देश की लगभग ढा
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। ग्राम पंचायतों को और अधिकार संपन्न बनाने के लिए राज्यों को निर्देश दिए गए हैं। इससे जहां ग्राम विकास की योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन किया जा सकेगा, वहीं शहरी क्षेत्रों की योजनाओं का लाभ भी समय से लोगों तक पहुंच जाएगा। स्थानीय प्रशासन का दायित्व भी इन्हीं लघु इकाइयों को सौंपे जाने की योजना है। देश की लगभग ढाई लाख पंचायतों में लघु सचिवालय बनाने की योजना पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल में ही काफी हद तक सिरे चढ़ चुकी है। पंचायती राज मंत्रालय की इस योजना के लागू होने पर पांच लाख लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
पंचायती राज मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ग्रामीण सड़कें, गली, नाली, पेयजल, संपर्क मार्ग, नाले, बांध, जल संरक्षण, मृदा संरक्षण, बागवानी, पुराने ताल-तलैया और पोखरों के पुनरोद्धार की योजना को पंचायतें ही संचालित कर रही हैं। लेकिन, पेशेवर व तकनीक की कमी से इसमें कई तरह की मुश्किलें भी पेश आ रही हैं। योजना के मुताबिक ग्रामीणों के छोटे-बड़े काम पंचायतों में ही होने लगेंगे। इनमें ब्लाक और तहसील मुख्यालयों पर होने वाले जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, राशन कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बिजली-पानी के कनेक्शन और उनके बिल भुगतान की सुविधा शामिल है। निश्चित समय पर वहां सरकारी बाबू भी मिलने लगेंगे, जमीन संबंधी दस्तावेज और उनकी नकल देने वाले पटवारी भी वहीं उपलब्ध होंगे। सरकार इस दिशा में पहल कर चुकी है। इसके लिए पंचायत स्तर पर पंचायत भवनों के निर्माण का काम भी बहुत हद तक हो चुका है।
ग्रामीण विकास की योजनाओं के संचालन के लिए सरकार का जोर पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत बनाने पर है। वर्तमान मोदी सरकार भी गांव के विकास में पंचायत की भूमिका को और मजबूत करने के उपाय कर रही है। इस बाबत राज्यों को निर्देश दे दिए गए हैं।