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मनमोहन के उदारीकरण पर राहुल का सामाजिक एजेंडा हावी

पिछले दस साल में अपनी आर्थिक नीतियों के कारण घिरी रही मनमोहन सरकार के एजेंडे की जगह अब पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी का सामाजिक एजेंडा चलेगा। लोकसभा चुनाव के लिए राहुल ने कांग्रेस के हाथ में जो घोषणा पत्र दिया है उसमें उदारीकरण की जगह सामाजिक क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई है। पार्टी ने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक बदलाव के लिए 15 सूत्री कार्यक्रमों को जनता के सामने रखा है। 20 साल तक जमीनों पर काबिज लोगों को मालिकाना हक देने का वादा भी किया गया है।

By Edited By: Published: Wed, 26 Mar 2014 01:36 PM (IST)Updated: Wed, 26 Mar 2014 01:36 PM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पिछले दस साल में अपनी आर्थिक नीतियों के कारण घिरी रही मनमोहन सरकार के एजेंडे की जगह अब पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी का सामाजिक एजेंडा चलेगा। लोकसभा चुनाव के लिए राहुल ने कांग्रेस के हाथ में जो घोषणा पत्र दिया है उसमें उदारीकरण की जगह सामाजिक क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई है। पार्टी ने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक बदलाव के लिए 15 सूत्री कार्यक्रमों को जनता के सामने रखा है। 20 साल तक जमीनों पर काबिज लोगों को मालिकाना हक देने का वादा भी किया गया है।

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स्वास्थ्य सेवाओं और रोजगार को कानूनी अधिकार के दायरे में लाना भी पार्टी के घोषणा पत्र का हिस्सा हैं। कांग्रेस ने आने वाले पांच सालों में शहरों में झुग्गियों की जगह पक्के मकान बनाने, 10 लाख की आबादी वाले शहरों में हाईस्पीड ट्रेन चलाने और अगले पांच सालों में 10 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार देने का वादा किया है। 'आपकी आवाज हमारा संकल्प' शीर्षक से बुधवार को जारी घोषणा पत्र में कांग्रेस थोड़ी सहमी हुई भी दिखी। शायद यही कारण था कि घोषणा पत्र में कहीं भी महंगाई को कम करने का वादा नहीं किया गया। पार्टी को आर्थिक मुद्दों पर चुप्पी साधना ही ज्यादा मुफीद लगा। इसके बजाय राहुल गांधी ने सामाजिक मुद्दों को आगे बढ़ाया।

स्पष्ट है कि चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने मध्य और निम्नवर्ग को साधने का फैसला किया है। पार्टी कल्याणकारी उपायों पर विशेष ध्यान देने के एजेंडे पर है। इसके तहत आम आदमी को स्वास्थ्य, पेंशन, आवास, सामाजिक सुरक्षा, प्रतिष्ठा के अनुरूप मानवीय स्थिति में काम करने और उद्यमशीलता के अधिकारों से लैस करने का वादा किया गया है। इसके अलावा राजीव गांधी राष्ट्रीय छात्रवृत्ति का दायरा बढ़ाकर इसमें पिछड़े वर्ग को भी समाहित करने की बात कही गई है। निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करने की बात और अनसूचित जाति व जनजाति की प्रगति जानने के लिए पार्टी हर पांच साल में सर्वेक्षण कराएगी। देश के हर ब्लाक में गरीब बच्चों के लिए नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे।

घोषणा पत्र में कांग्रेस ने भ्रष्टाचार से निपटने का दृढ़ संकल्प, गरीबी रेखा के नीचे और मध्यवर्ग के बीच आने वाली 70 करोड़ की आबादी के उन्नयन, महिलाओं को शक्ति संपन्न बनाने और राजनीति में उनके प्रतिनिधित्व को बढ़ाने का वादा भी किया है। काले धन जैसे मुद्दों पर विपक्ष के धारदार हमलों को कुंद करने के लिए पार्टी ने काले धन को वापस लाने के लिए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त करने का वादा किया है। सरकारी नौकरियों में आ रही कमी को ध्यान में रखते हुए नए रोजगारों के सृजन पर विशेष जोर देने की बात है।

भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रही कांग्रेस ने इस मुद्दे पर विपक्ष के आक्रामक प्रचार अभियान का सामना करने के लिए घोषणा पत्र में इस समस्या से निपटने के लिए कानून बनाने की बात कही है।

राहुल की पहल पर हुआ नया प्रयोग

राहुल गांधी की पहल पर कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र बंद कमरों के बजाय जनता के बीच संवाद करके बनाया है। इसके निर्माण की प्रक्रिया को 6 मिनट की फिल्म के माध्यम से दिखाया गया है। राहुलमय बनी इस फिल्म का बचाव करते हुए राहुल ने कहा, हालांकि फिल्म में सिर्फ मैं दिख रहा हूं, लेकिन पार्टी के अन्य युवा नेताओं ने भी इसमें महत्वपूर्ण सहयोग दिया है। पांच महीने चली इस प्रक्रिया में करीब दस हजार लोगों से राय ली गई। जिनसे सवा लाख के करीब सुझाव मिले। देशभर में 30 से ज्यादा स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में भूतपूर्व सैनिकों, अल्पसंख्यकों, अनसूचित जातियों, जनजातियों, युवाओं, उद्योगपतियों, आंगनवाड़ी कर्मचारियों, रेलवे कुलियों, भंट्टा मजदूरों, किसानों, बुनकरों आदि से उनकी परेशानियों पर राय मांगी गई और उनके सुझावों को शामिल किया गया।

घोषणा पत्र के मुख्य बिंदु

-आम आदमी को स्वास्थ्य, पेंशन, आवास, सामाजिक सुरक्षा के अधिकारों से लैस करेगी कांग्रेस

-काले धन को वापस लाने के लिए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त करने का वादा

-महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 फीसद आरक्षण देगी पार्टी

-सांप्रदायिक हिंसा विरोधी बिल को पारित करेगी पार्टी

-पिछड़े अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने के लिए कानून लाएगी पार्टी

-मौजूदा आरक्षण व्यवस्था में बदलाव किए बिना आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग को आरक्षण के दायरे में लाने का रास्ता निकालेगी पार्टी

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