सरकारी खर्चे पर चुनाव के पक्ष में नहीं निर्वाचन आयोग
चुनाव आयोग का मानना है कि राजनीतिक दलों द्वारा लिए जाने वाले धन से जुड़े प्रावधानों में और इस धन को खर्च किए जाने के तरीके में बदलाव किए जाने की जरूरत है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। निर्वाचन आयोग ने एक संसदीय समिति से कहा है कि वह सरकारी खर्चे पर चुनाव करवाने का समर्थन नहीं करता है। आयोग ने कहा कि इसके बदले वह राजनीतिक दलों द्वारा जिस तरह से धन खर्च किया जाता है, उसमें व्यापक सुधार के पक्ष में है।
आयोग के अनुसार, सरकारी खर्चे पर चुनाव का अर्थ है कि सरकार द्वारा राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए धन उपलब्ध करवाया जाए। हालांकि, मौजूदा व्यवस्था के तहत इस काम में निजी या पार्टी फंड का इस्तेमाल किया जाता है।
चुनाव आयोग ने विधि एवं कार्मिक मामलों पर संसद की स्थायी समिति के सामने लिखित प्रतिवेदन में कहा, 'हम चुनाव में सरकारी धन के इस्तेमाल के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि तब सरकार की ओर से उपलब्ध करवाए गए धन से इतर उम्मीदवारों या अन्य के खर्च पर रोक लगाना संभव नहीं होगा।'
चुनाव आयोग का मानना है कि राजनीतिक दलों द्वारा लिए जाने वाले धन से जुड़े प्रावधानों में और इस धन को खर्च किए जाने के तरीके में बदलाव किए जाने की जरूरत है, जिससे पूरी पारदर्शिता आ सके।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को समिति ने निर्वाचन आयोग और कानून मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चुनाव सुधार के मुद्दे पर चर्चा की थी। इससे पहले आयोग ने कहा था कि मीडिया विज्ञापनों और रैलियों में आने वाले भारी खर्च को ध्यान में रखा जाए तो राजनीति में लगाया जाने वाला 'अपार धन' चिंता का विषय है।
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