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शादी समारोह में वोट मांगना पड़ेगा महंगा

पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में यदि किसी प्रत्याशी ने विवाह समारोह में वोट मांगा तो चुनाव आयोग उस समारोह का समस्त खर्च उसके खाते में जोड़ देगा। यानी विवाह के खर्च को भी प्रत्याशी का चुनावी खर्च माना जाएगा। चुनाव में आयोग की खुफिया नजर प्रत्याशी के विवाह, लंगर और मृत्युभोज जैसे सामाजिक आयोजनो

By Edited By: Published: Mon, 21 Oct 2013 06:02 AM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2013 06:04 AM (IST)

जयपुर, जागरण संवाददाता। पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में यदि किसी प्रत्याशी ने विवाह समारोह में वोट मांगा तो चुनाव आयोग उस समारोह का समस्त खर्च उसके खाते में जोड़ देगा। यानी विवाह के खर्च को भी प्रत्याशी का चुनावी खर्च माना जाएगा। चुनाव में आयोग की खुफिया नजर प्रत्याशी के विवाह, लंगर और मृत्युभोज जैसे सामाजिक आयोजनों में भाग लेने पर भी है। आयोग ऐसे कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी भी करवाएगा।

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राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अशोक जैन ने बताया कि विधिवत प्रत्याशी घोषित होने के बाद कोई किसी शादी या मृत्युभोज में जाकर मतदाताओं को प्रभावित नहीं कर सकेगा। कोई ऐसा करते हुए पाया गया तो आयोग समारोह का सारा खर्चा प्रत्याशी के चुनावी व्यय में जोड़ देगा। इस बाबत चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों को निर्देश भी जारी किए हैं।

वहीं कांग्रेस और भाजपा जैसी पार्टियों ने नई गाइडलाइन के बारे में कैंपेन कमेटियों को आगाह कर दिया है। हालांकि, प्रत्याशी सामाजिक समारोहों में व्यक्तिगत तौर पर ही शामिल होता है तो चुनाव आयोग की रोक-टोक नहीं होगी।

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