पूर्वी उत्तर प्रदेश बना बांग्लादेशी तस्करों के लिए ड्रग्स कॉरिडोर
पूर्व उत्तर प्रदेश बांग्लादेश से सप्लाई होनेवाले ड्रग्स का मुख्य मार्ग बन गया है जहां से दिल्ली, पंजाब और राजस्थान भेजा जाता है।
वाराणसी। केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की तरफ से बड़ी मात्रा हेराईन जब्त करने के मात्र दो दिन बाद मुगल सराय रेलवे स्टेशन से जिस बड़ी तादाद में अफीम की बरामदगी हुई है इसे जाहिर होता है कि किस तरह बांग्लादेशी ड्रग्स तस्करों के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश एक सुगम रास्ता बन चुका है। ये तस्कर बांग्लादेश से गांजा, अफीम और हेराइन की तस्करी कर पूर्वी उत्तर प्रदेश के रास्ते इसे देश के पश्चिमी हिस्सों में पहुंचाते हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, गुरूवार को मुगलसराय के जीआरपी ने एक ड्रग्स तस्कर को पकड़ा और उससे आठ किलोग्राम अफीम बरामद की जिसकी बाजार में कीमत करीब 1.6 करोड़ रूपये बतायी जा रही है। इसे पश्चिम बंगाल में लेने के बाद दिल्ली और अजमेर पहुंचाया जाना था।
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गिरफ्तार किए गए तस्कर की पहचान बरकत शेश के तौर पर हुई है जो पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के कालियाचक इलाके में खसरानपुर गांव का रहनेवाला बताया जा रहा है। जिस वक्त पुलिस ने सामानों की जांच की उस समय अलग-अलग पॉकेट्स में अफीम बरामद हुई।
शेख ने जीआरपी को बताया कि कालियाचक के रहनेवाले मोहम्मद अस्बादुल और सलीम शेख दोनों ही बांग्लादेश से अफीम लेते थे और उसे दिल्ली, पंजाब और राजस्थान में सप्लाई करने के लिए आगे भेज देते थे। उसने ये माना है कि पहले भी कई बार इसी तरह उत्तर-पश्चिमी राज्यों में वो सप्लाई कर चुका है।
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जनवरी से लेकर अब तक बड़ी तादाद में अफीम बरामदगी के ऐसे सात मामले आ चुके हैं। जीआरपी इंस्पेक्टर त्रिपुरारी पांडे ने बताया कि जनवरी के महीने में टीम ने 1.50 किलोग्राम हेरोइन बरामद की थी। उसके बाद करीब छह ऐसे मामले में 69 किलो अफीम जब्त की गई। 10 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया। छानबीन करने पर गिरफ्तार ड्रग्स तस्करों ने बताया कि पश्चिम बंगाल से देश के उत्तर-पश्चिमी राज्य में हेरोइन, अफीम और गांजा पहुंचाने के लिए वाराणसी और इससे लगते हुए जिले तो सप्लाई का प्रमुख केन्द्र है।