अब लखनऊ से दिल्ली के बीच डायनेमिक फेयर ट्रेन
अब जिसके पास पैसा होगा वही यात्री डायनेमिक फेयर वाली ट्रेनों में सफर कर सकेगा। इस नाम की ट्रेन रेलवे बोर्ड लखनऊ से दिल्ली के बीच भी चलाने पर विचार कर रहा है। बशर्ते इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्री को 15 दिन पहले टिकट कराने पर राजधानी के तत्काल के बराबर किराया चुकाना होगा। उसके बाद ट्रेन चलाने क
लखनऊ (अंशू दीक्षित)। अब जिसके पास पैसा होगा वही यात्री डायनेमिक फेयर वाली ट्रेनों में सफर कर सकेगा। इस नाम की ट्रेन रेलवे बोर्ड लखनऊ से दिल्ली के बीच भी चलाने पर विचार कर रहा है। बशर्ते इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्री को 15 दिन पहले टिकट कराने पर राजधानी के तत्काल के बराबर किराया चुकाना होगा। उसके बाद ट्रेन चलाने की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आती जाएगी वैसे-वैसे बर्थ का किराया विमान की सीट की तर्ज पर बढ़ता जाएगा। यानी मूल किराए के ऊपर रेलवे 10 फीसद से लेकर 100 फीसद तक किराया बढ़ाता जाएगा।
रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता एके सक्सेना के मुताबिक भारतीय रेलवे के सभी मंडलों से उन रेल खंडों का पांच साल का पूरा ब्योरा मांगकर अध्ययन किया जा रहा है। अध्ययन में यह देखा जा रहा है कि जिन रेलखंडों पर ट्रेनों की डिमांड सबसे ज्यादा रहती है और यात्री अधिक पैसा देकर भी सफर करने को हंसी खुशी राजी रहते हैं, उनमें लखनऊ से नई दिल्ली रेलखंड भी है। स्वर्ण शताब्दी, एसी एक्सप्रेस और दूरंतो जैसी ट्रेनों का रिकार्ड व यात्रियों की डिमांड देखने के बाद अफसर लखनऊ से दिल्ली के बीच डायनेमिक फेयर ट्रेन चलाने पर लगभग सहमत हो गए हैं। प्रवक्ता ने कहा कि लखनऊ से नई दिल्ली के बीच जबरदस्त रस है, इस रेलखंड पर भी ट्रेन चलाई जाएगी। बोर्ड ने पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर 24 दिसंबर से 3 जनवरी तक दिल्ली-मुंबई के बीच ट्रेन चलाई, नतीजे बेहतर आए हैं। व्यस्त रूटों का अध्ययन चालू हैं।
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रेलवे सूत्रों के मुताबिक बोर्ड इस प्रोजेक्ट पर लंबे समय से मंथन कर रहा था, मंत्रियों की सहमति न मिलने के कारण अभी तक कोई ठोस निर्णय लेने में दिक्कतें आ रही थी। इस नये प्रोजेक्ट से जहां यात्रियों को सहूलियत मिलेगी वहीं रेलवे की आर्थिक स्थिति में थोड़ा सुधार आएगा। वहीं रेल अफसरों ने त्योहारों में इन ट्रेनों के चलाने से इंकार नहीं किया है।
प्रोजेक्ट में पास, हरी झंडी
रेलवे बोर्ड अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली से मुंबई के बीच इस ट्रेन को 24 दिसंबर 2013 से 3 जनवरी 2014 तक चलाकर देखा गया। 15 दिन पहले बुकिंग खोली गई। बोर्ड अफसरों के मुताबिक बेहतर नतीजे आने के कारण डायनेमिक फेयर वाली ट्रेन यानी प्रीमियम ट्रेन को चलाने का निर्णय आगे भी लिया गया है।
सिर्फ थर्ड व सेकेंड एसी
रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता राजीव सक्सेना ने बताया कि इस ट्रेन में थर्ड व सेकेंड एसी के कोच ही लगाए जाएंगे। यात्रियों की डिमांड बढऩे पर चेयर कार, इक्जियूटिव श्रेणी और फर्स्ट एसी पर विचार किया जाएगा।
पास व आइसी पर टिकट नहीं
इन ट्रेनों में पास, रियायती टिकट जारी नहीं होंगे। यही नहीं माननीय भी अपना परिचय पत्र पर टिकट कराकर सफर नहीं कर सकेंगे। बोर्ड अफसरों के मुताबिक ऐसे लोगों को जो ट्रेन चल रही है उनमें सुविधा प्रमुखता पर रेलवे उपलब्ध करा रहा है। ऐसे में इन ट्रेनों में फिलहाल सुविधा देने का कोई विचार नहीं है।
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