जींद में भी मृत मिलीं बतखें
गतौली गांव के जोहड़ के नजदीक विदेशी नस्ल की करीब 14 मरी हुई बत्तखें (वार हैंडिड गूच) मिलने से हड़कंप मच गया है। पशुपालन विभाग व वन्य प्राणी विभाग की टीम ने तीन बत्तखों को सील कर उनके सैंपल ले लिए जबकि बाकी 11 बत्तखों को मिट्टी में दबा दिया।
जींद। गतौली गांव के जोहड़ के नजदीक विदेशी नस्ल की करीब 14 मरी हुई बत्तखें (वार हैंडिड गूच) मिलने से हड़कंप मच गया है। पशुपालन विभाग व वन्य प्राणी विभाग की टीम ने तीन बत्तखों को सील कर उनके सैंपल ले लिए जबकि बाकी 11 बत्तखों को मिट्टी में दबा दिया। सोमवार को बत्तखों के सैंपल जालंधर भेजे जाएंगे। इससे पहले चंडीगढ़ की सुखना झील में मरी हुई बत्तखें मिलीं थी, बर्ड फ्लू की आशंका के चलते यहां बत्तखों को मारने की प्रक्रिया शुरू की गई।
रविवार सुबह गतौली गांव में उस समय हड़कंप मच गया, जब ग्रामीणों ने शाबू वाला तालाब में बत्तखों जैसे पक्षियों के शव पानी में तैरते देखे। पशुपालन विभाग व वन्य प्राणी विभाग के अधिकारियों को तुरंत इसकी सूचना दी गई। पशुपालन विभाग की तरफ से वैटनरी सर्जन डॉ. राजू शर्मा, डॉ. कृष्ण शर्मा, डॉ. राज चहल, वन्य प्राणी विभाग की तरफ से इंस्पेक्टर राजबीर मलिक व मनवीर सिंह मौके पर पहुंच गए। पाया गया कि मृत मिली 14 बत्तखें विदेशी नस्ल की बार हेडिड गुज हैं जो साइबेरिया में पाई जाती हैं। हर वर्ष ये पक्षी दिसंबर माह में हरियाणा में आते हैं और मार्च माह में वापस लौट जाते हैं।
बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं
अधिकारियों की टीम को फिलहाल बर्ड फ्लू जैसे लक्षण नहीं मिले हैं। लैब से रिपोर्ट आने के बाद ही सही स्थिति का पता चलेगा।
बाकी बत्तखों पर भी रखी जाएगी निगरानी
गतौली गांव में 16 अन्य बत्तखें भी हैं, जिन पर टीम ने ग्रामीणों से निगरानी के लिए कहा है। पशु चिकित्सक कृष्ण शर्मा के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि पक्षियों की मौत कैसे हुई है।