महाकाल का फोटो ट्वीट किया तो प.बंगाल पुलिस ने लगाया दंगा उकसाने का केस
राकेश सिन्हा के वकील ब्रजेश झा के मुताबिक, किसी मनोज कुमार ने सिन्हा के खिलाफ शिकायत की थी। उसने इस पोस्ट को उकसाने वाली बताया, जिससे सांप्रदायिक तनाव भड़का और दंगे फैले।
नई दिल्ली/कोलकाता, एजेंसी। आरएसएस विचारक और डीयू प्रोफेसर राकेश सिन्हा पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने शांति भंग करने और दंगा भड़काने के आरोप में एफआईआर दर्ज कर गैर जमानती वारंट जारी किया है। सिन्हा का कहना है कि उज्जैन के महाकाल की फोटो शेयर करने से देश में दंगा नहीं भड़क सकता है।
सिन्हा पर कोलकाता के सेक्सपीयर सरानी थाने में 12 जुलाई को 153 ए1 (ए)(बी), 505(1)(बी), 295ए, 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया। आरोप है कि सिन्हा ने हिंसाग्रस्त राज्य में सोशल मीडिया के जरिए सांप्रदायिक घृणा फैलाने की कोशिश की। शिकायत में एक विशेष पोस्ट को भी इसका आधार बताया गया है, जिसमें सिन्हा 9 जुलाई को अपनी मां के साथ उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में पूजा कर रहे हैं।
सिन्हा के वकील और कोलकाता निवासी ब्रजेश झा के मुताबिक, किसी मनोज कुमार ने सिन्हा के खिलाफ शिकायत की थी। उसने इस पोस्ट को उकसाने वाली बताया, जिससे सांप्रदायिक तनाव भड़का और दंगे फैले। सिन्हा के मुताबिक, मैं तो पिछले दो साल से पश्चिम बंगाल ही नहीं गया। मैंने ट्विटर पर कोई विवादित फोटो नहीं डाली है। बीते कई दिनों में महज तीन फोटो डाली हैं। इसमें एक तस्वीर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से पुरस्कार ग्रहण करते वक्त, दूसरी पीएम मोदी के साथ बुक रिलीज कार्यक्रम की और तीसरी फोटो उज्जैन के महाकाल की है।
महाकाल की फोटो लगाने से भड़कता है दंगा
सिन्हा का कहना है कि उज्जैन के महाकाल की फोटो शेयर करने से देश में दंगा नहीं भड़क सकता है। यदि इससे पश्चिम बंगाल में दंगा भड़कता है तो मैं कुछ नहीं कह सकता। सिन्हा ने बताया कि वह अग्रिम जमानत लेने के लिए कानूनी राय ले रहे हैं। ममता सरकार के इस कदम को उन्होंने संघ की आवाज दबाने की कोशिश करार दिया है।
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