'जीएसटी के साथ डीटीसी भी लागू करे सरकार'
कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली वित्त मामलों संबंधी समिति की यह रिपोर्ट हाल में संसद में पेश की गयी है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आजादी के बाद अब तक के सबसे बड़े कर सुधार दिए जा रहे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने की घड़ी करीब आने के साथ ही प्रत्यक्ष करों के मोर्चे पर भी सुधारों की जरूरत महसूस की जाने लगी है। वित्त मामलों संबंधी संसद की स्थाई समिति ने इस संबंध में प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) को शीघ्र लागू करने की सिफारिश की है। समिति का कहना है कि अगर प्रत्यक्ष कर संहिता लागू नहीं की जाती तो जीएसटी के क्रियान्वयन से होने वाले लाभ पूरी तरह फलीभूत नहीं होंगे।
कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली वित्त मामलों संबंधी समिति की यह रिपोर्ट हाल में संसद में पेश की गयी है। समिति का कहना है कि अगर डीटीसी और कर सुधार आयोग की रिपोर्ट में दिए गए सुधारों पर विचार कर लागू नहीं किया गया तो जीएसटी से होने वाले लाभ निष्प्रभावी साबित होंगे। समिति ने कहा कि डीटीसी की समीक्षा की जा चुकी है, इसलिए सरकार इसे शीघ्र ही लागू कर सकती है। सरकार अगर ऐसे ही बार बार आयकर कानून में संशोधन करती रही तो कर सुधार का उद्देष्य ही अधूरा रह जाएगा।
गौरतलब है कि डीटीसी का विचार तत्कालीन यूपीए सरकार के कार्यकाल में आया था और एनडीए के सत्ता में आने के बाद यह ठंडे बस्ते में चला गया है। उस समय सरकार ने इसे 15वीं लोक सभा में पेश भी किया था। इसके बाद संसदीय समिति ने इस पर अपनी रिपोर्ट भी दी। ऐसे में एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू करने की तैयारियों के बीच डीटीसी सहित प्रत्यक्ष करों के मोर्चे पर सुधारों की जरूरत बताने वाली समिति की यह सिफारिश बेहद महत्वपूर्ण है।
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