शिक्षा नीति के मसौदे पर नए सिरे से होगा विचार
देश के लिए नई शिक्षा नीति के एलान में अभी थोड़ा वक्त और लग सकता है। हालांकि इसका मसौदा तय करने के लिए बनाई गई सुब्रहमण्यम समिति इस महीने अपनी रिपोर्ट सौंप देगी लेकिन यह मसौदा अंतिम नहीं होगा।
मुकेश केजरीवाल, नई दिल्ली। देश के लिए नई शिक्षा नीति के एलान में अभी थोड़ा वक्त और लग सकता है। हालांकि इसका मसौदा तय करने के लिए बनाई गई सुब्रहमण्यम समिति इस महीने अपनी रिपोर्ट सौंप देगी लेकिन यह मसौदा अंतिम नहीं होगा।
इस पर मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय नए सिरे से विचार करने की तैयारी में है। उसे आशंका है कि कुछ अहम बिंदुओं पर मसौदा सरकार की नीति से अलग हो सकता है।
एचआरडी मंत्रालय के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक मसौदा समिति की रिपोर्ट को अंतिम नहीं माना जा सकता। ये साफ तौर पर कहते हैं कि रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि क्या किया जाना है। खास तौर पर स्कूली शिक्षा और भाषा संबंध नीति पर सरकार के अपने स्पष्ट विचार हैं। उसे रिपोर्ट का इंतजार है।
प्रमुख बिंदुओं पर यह रिपोर्ट अलग रवैया अपनाती है तो मंत्रालय तुरंत इसकी घोषणा को स्थगित कर सकता है। मंत्रालय ने पिछले वर्ष ग्राम पंचायतों से ले कर राज्य सरकारों और वरिष्ठ विशेषज्ञों की राय मंगवाने के बाद उसे अंतिम रूप देने के लिए पूर्व कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रहमण्यम की अध्यक्षता में मसौदा समिति बनाई थी।
टीएसआर सुब्रहमण्यम ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि अगले दो हफ्तों के अंदर रिपोर्ट तैयार हो जाएगी। इस पर नए सिरे से विचार की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह तो भारत सरकार पर निर्भर करता है कि रिपोर्ट का क्या करना है। यह उन्हें देखना है कि किन बातों पर सहमत है और किन पर नहीं। समिति को दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट देनी थी मगर दो महीने का विस्तार दे दिया गया था।
समिति नई शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक और अनौपचारिक शिक्षा से मेडिकल, इंजीनियरिंग की पेशेवर शिक्षा तक सभी बिंदुओं को रिपोर्ट में शामिल करेगी। इसमें शिक्षा खर्च बढ़ाने का भी सुझाव दिया जा रहा है। इस समय सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) का साढ़े तीन फीसदी शिक्षा पर खर्च हो रहा है। समिति इसे लागू करने की कार्य योजना भी पेश करेगी। समिति ने शिक्षा को रोजगार परक बनाने और कौशल विकास से जोड़ने पर खास जोर दिया है।
राजग सरकार ने गठन के तुरंत बाद नई शिक्षा नीति बनाने का एलान किया था। विपक्ष सरकार पर लगातार शिक्षा के भगवाकरण का आरोप भी लगा रहा है। लेकिन सुब्रहमण्यम ने "दैनिक जागरण" से दिसंबर में हुई बातचीत में भी कहा था, भगवाकरण क्या होता है? मुझे नहीं पता। शिक्षा नीति कैसी हो, हमें सिर्फ यही देखना है।