'डीएल प्रक्रिया का ईमानदारी से पालन ही सड़क सुरक्षा की पहली शर्त'
सड़क सुरक्षा के लिए अनिवार्य शर्त ये है कि डीएल बनाने में नियमों का खास ख्याल रखा जाए।
संजय सिंह, नई दिल्ली। सर्दियों के साथ कोहरा और कोहरे के साथ सड़क दुर्घटनाओं का वीभत्स नर्तन उत्तर भारत की तमाम सड़कों पर हर साल दोहराया जाता है। सरकार के बड़े-बड़े दावों, आश्वासनों का इस पर कोई असर नहीं पड़ता। हजारों लोगों की जान और सैकड़ों परिवारों की खुशियां छीनकर यह कथा हर साल यूं ही अंतहीन ढंग से आगे बढ़ती जा रही है। हम सभी को मिलकर इस खूनी खेल को रोकना ही होगा।
खा लें कसम, आरटीओ में भ्रष्टाचार को नहीं देंगे प्रश्रय, खुद बनवाएंगे अपना ड्राइविंग लाइसेंस
उपाय बहुत आसान हैं। बस हमें उन पर गंभीरतापूर्वक अमल करना होगा। करना सिर्फ इतना है कि अपना या अपने ड्राइवर का डीएल (ड्राइविंग लाइसेंस) ईमानदारी से बनवाना है। एक बार हमने सारे टेस्ट पास कर लिए और
नियम-कायदों के अनुसार अपना डीएल बनवा लिया तो सड़क पर हमारी और दूसरों की आधी सुरक्षा खुद-ब-खुद सुनिश्चित हो जाएगी। लेकिन हम ऐसा करते कहां हैं। हममें से ज्यादातर लोग डीएल बनवाने के लिए प्रक्रियाओं का पालन करने के बजाय दलालों की शरण लेना पसंद करते हैं। और आरटीओ के कंप्यूटरीकरण तथा आवेदन की आनलाइन सुविधा के बावजूद यह सिलसिला थमा नहीं है। बस तरीका बदल गया है। पहले दलाल फार्म भरकर दस्तखत करवा लेता था और निर्धारित दिन व समय पर आरटीओ में पेशी करा चंद दिनों बाद डीएल हाथ में पकड़ा देता था। अब वही काम वह आपको आरटीओ में कंप्यूटर के सामने बिठाकर करने लगा है।
आपको पहले भी कुछ नहीं करना पड़ता था और अब भी आपकी तरफ से सवालों के जवाब दलाल भरकर देता है। यानी पहले भी आप बिना कुछ समझे-बूझे गाड़ी चलाने लगते थे और अब भी आपको ड्राइविंग की एबीसीडी जाने बगैर ही लाइसेंस थमा दिया जाता है। इस पुरानी आदत को अब छोड़ दीजिए। जिस तरह नोटबंदी के दौरान
घंटों लाइन में लगकर आपने ईमानदारी व भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई में सरकार का साथ दिया है, उसी तरह आरटीओ के भ्रष्टाचार के खिलाफ भी आपको सीना तानकर खड़ा होना पड़ेगा।
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बस यातायात नियमों, सड़क के संकेतकों तथा वाहन के गियर-क्लच आदि के बारे में थोड़ी सी सामान्य जानकारी हासिल करनी होगी। यह आपके, आपके परिवार और समाज सभी के हित में है। आखिरकार जब सड़क पर गाड़ी चलाना ही है, तो क्यूं न उसके बारे में सब कुछ जानकर मैदान में उतरा जाए। कहीं ऐसा न हो कि पैसे की गरमी और शार्टकट के चक्कर में आप अपने साथ-साथ दूसरों की जान के भी दुश्मन बन जाएं।
-दलालों के चक्कर में पडऩे के बजाय ऑनलाइन आवेदन भर पास करें टेस्ट
- पुरानी आदत छोड़कर भ्रष्टाचार के खिलाफ सीना तानकर खड़े हों
- दूसरे की जान के दुश्मन न बनें