बाढ़ के कहर ने कमजोर मानसून से हटाया लोगों का ध्यान
मौसम विभाग के मुताबिक, अगस्त के महीने में (18 अगस्त तक) 24 फीसद कम वर्षा हुई है। मानसून की यह स्थिति देशभर के ज्यादा शहरों में देखी गई है।
नई दिल्ली, जेएनएन। असम, बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के ज्यादा क्षेत्र बाढ़ की चपेट में हैं। इन राज्यों के हजारों गांव जलमग्न हो गए हैं, चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है। ऐसे में लोगों का ध्यान कमजोर मानसून की तरफ से बिल्कुल हट गया। अगस्त के महीने में देश के ज्यादातर राज्यों में मानसून की स्थिति कमजोर रही है, जिसका प्रभाव आने वाले समय में देखने को मिल सकता है।
मौसम विभाग के मुताबिक, अगस्त के महीने में (18 अगस्त तक) 24 फीसद कम वर्षा हुई है। मानसून की यह स्थिति देशभर के ज्यादा शहरों में देखी गई है। मध्य भारत में स्थिति ज्यादा खराब नजर आ रही है, जहां 58 फीसद तक कम बारिश हुई है। वहीं उत्तर-पश्चिम में अगस्त के महीने में 37 फीसद कम बारिश दर्ज की गई है। देशभर में अबतक बारिश में औसत 5 फीसद की कमी देखी गई है।
हालांकि अच्छी खबर यह है कि आने वाले दिनों में मानसून फिर जोर पकड़ सकता है। मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 'सप्ताहांत तक मानसून अधिक सक्रिय हो जाएगा, क्योंकि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव वाला क्षेत्र बन रहा है। इसलिए हमें उम्मीद है कि मध्य भारत, पश्चिमी तट और प्रायद्वीप की स्थिति में सुधार होगा।'
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान पदाधिकारी आरएस शर्मा ने बताया कि मानसून टर्फलाइन हिमालय पर्वत के निचले हिस्से में है। 48 घंटे में पटना, बांकुड़ा और डायमंड हार्बर से गुजरेगी। ऊपरी वायुमंडल में पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी में 5.8 किमी तक विस्तृत एयर सर्कुलेशन के निम्न दाब की रेखा में परिवर्तित होने की उम्मीद है।
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