दिल्ली-एनसीआर में डेंगू के डंक से हाहाकार
दिल्ली समेत पूरे एनसीआर क्षेत्र में डेंगू के डंक से हाहाकार मचा हुआ है। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुडग़ांव व फरीदाबाद में हर रोज मरीजों की संख्या बढ़ रही है। निजी व सरकारी अस्पताल पीडि़त मरीजों से अटे पड़े हैं। सरकारी स्तर पर इसे रोकने के प्रयास विफल साबित हो रहे
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली समेत पूरे एनसीआर क्षेत्र में डेंगू के डंक से हाहाकार मचा हुआ है। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुडग़ांव व फरीदाबाद में हर रोज मरीजों की संख्या बढ़ रही है। निजी व सरकारी अस्पताल पीडि़त मरीजों से अटे पड़े हैं। सरकारी स्तर पर इसे रोकने के प्रयास विफल साबित हो रहे हैं। दिल्ली सरकार नेअब तक इसे महामारी भले ही न घोषित की हो, लेकिन जिस तरह से नए मामले सामने आ रहे हैं और लोगों की मौतें हो रही हैं, उससे स्थिति भयावह होती जा रही है। दिल्ली में डेंगू से और पांच लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई है। बीते दो दिनों में ही अलग-अलग अस्पतालों में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। यहां मरने वालों कुल संख्या 20 पहुंच हो गई है।
गाजियाबाद में भी डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। डेंगू से सिहानी गेट थाने मेंं तैनात महिला कांस्टेबल रमा शर्मा की मौत हो गई। वहीं दूसरी ओर विजयनगर निवासी 27 वर्षीय महिला शोभा की भी डेंगू से मौत हो गई। जबकि, नोएडा के जिला अस्पताल में इलाज के लिए आए डेंगू के एक संदिग्ध मरीज की सोमवार की रात मौत हो गई। वह मूलरूप से छत्तीसगढ़ का रहने वाला था जिसका नाम शिव कुमार है। गुडग़ांव के चंदू बुढ़ेडा स्थित एसजीटी मेडिकल कॉलेज में उपचाराधीन डेंगू पीडि़त एक छात्र आकाश की मंगलवार की सुबह मौत हो गई।
इससे नाराज परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। उनका आरोप था कि इलाज में लापरवाही के चलते बच्चे की मौत हुई है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया।
मृतक के पिता बुढ़ेडा निवासी दिनेश ने बताया कि आकाश गांव के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 9वीं कक्षा का छात्र था। उसे तेज बुखार के कारण 11 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार तक उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो उन्होंने अस्पताल के डाक्टरों से रेफर करने का अनुरोध किया, लेकिन डाक्टरों ने उनकी बात को नहीं सुना। मंगलवार को जब आकाश की हालत और बिगड़ी तो उसे आपातकालीन वार्ड में ले जाया गया, जहां व्हीलचेयर पर वह बेहोश हो गया। इसके बाद चिकित्सकों ने रेफर करने की प्रकिया शुरू की। इससे परिजन भड़क गए। हालांकि वह बच्चे को गुडग़ांव के एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां पहुंचने के पहले ही आकाश ने दम तोड़ दिया। दिनेश का दूसरा बेटा व बेटी भी अस्पताल में दाखिल हैं। डाक्टर के मुताबिक उनमें भी डेंगू के लक्षण पाए गए हैं। अस्पताल के एसएमओ अरविंद शर्मा ने बताया कि इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई।
एम्स के उप सचिव भी डेंगू की चपेट में
भारतीय वन सेवा (आइएफएस) के अधिकारी व एम्स के उप सचिव संजीव चतुर्वेदी भी डेंगू की चपेट में आ गए हैं। वह छह दिनों से डेंगू से पीडि़त हैं और एम्स में भर्ती हैं। हाल ही में उन्हें मैग्सेसे पुरस्कार मिला है। सितंबर के पहले सप्ताह में ही वह पुरस्कार लेकर फिलीपींस से वापस लौटे हैं। एम्स से जुड़े 77 से अधिक लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। कई डॉक्टर भी इस बीमारी से पीडि़त हैं।