लोस चुनाव हारने वाले को रास में जाने से रोकने की याचिका खारिज
याचिका में लोकसभा चुनाव हारने वाले उम्मीदवार को राज्यसभा चुनाव लड़ने से रोकने के लिए कोर्ट से निर्देश देने की मांग की गई थी।
नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली हाई कोर्ट ने लोकसभा चुनाव हारने वाले उम्मीदवार को राज्यसभा चुनाव लड़ने से रोकने की याचिका खारिज कर दी है। याची का कहना था कि सूचना के अधिकार के तहत विधि एवं न्याय मंत्रालय तथा चुनाव आयोग ने इस संबंध में क्या कार्रवाई हो रही है, इसका कोई जवाब नहीं दिया।
याचिका में लोकसभा चुनाव हारने वाले उम्मीदवार को राज्यसभा चुनाव लड़ने से रोकने के लिए कोर्ट से निर्देश देने की मांग की गई थी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरिशंकर की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास समान रूप से प्रभावी एक और विकल्प था, जिसका उन्होंने इस्तेमाल नहीं किया इसलिए याचिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
पीठ ने कहा, 'याचिकाकर्ता को आरटीआई के तहत प्राप्त अपील के अधिकार का इस्तेमाल करने की छूट के साथ याचिका रद्द की जाती है।' पीठ ने आगे कहा कि अगर याची अपीलीय ट्रिब्यूनल के निर्णय से असंतुष्ट हो तो उसे प्राप्त करने के लिए इस कोर्ट के समक्ष उपयुक्त कानूनी कार्रवाई का विकल्प है।
याची सत्य नारायण प्रसाद ने अपनी याचिका में कहा था कि भारत के लोकतांत्रिक देश होने और नेताओं के निर्वाचन में जनता के सुप्रीम होने के बावजूद यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो उम्मीदवार आम चुनाव हार जाते हैं, उन्हें उच्च सदन के लिए नामित किया जाता है।
याची ने विधि एवं न्याय मंत्रालय तथा चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग करते हुए कहा था कि कोई उम्मीदवार लोकसभा चुनाव में हार गया हो तो उसे संसद की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किया जाए। लोकसभा चुनाव में हारे उम्मीदवारों को राज्यसभा के लिए न तो नामित किया जाए और न ही उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाए। ऐसा नहीं होना लोकतंत्र के उस मौलिक सिद्धांत के खिलाफ है, जिसमें भारतीय नागरिकों का जनादेश सुप्रीम होता है।
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