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दिल्ली गैंगरेप के दोषियों की आंखों में पश्चाताप नहीं, डर के थे आंसू

बहादुर बिटिया के गुनहगार बुधवार को अदालत में सजा सुनने के लिए मौजूद थे। अंग्रेजी में चल रही अदालती कार्यवाही उन्हें समझ में नहीं आ रही थी। फिर भी, शायद उन्हें सजा का आभास हो रहा था। कोई अदालती फैसले की कल्पना से सिहर रहा था, तो किसी की आंखों में आंसू थे, तो कोई गुमसुम था। कार्यवाही खत्म होते ही उनकी बेचैनी बढ़ ग

By Edited By: Published: Thu, 12 Sep 2013 09:32 AM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2013 09:36 AM (IST)
दिल्ली गैंगरेप के दोषियों की आंखों में पश्चाताप नहीं, डर के थे आंसू

नई दिल्ली। बहादुर बिटिया के गुनहगार बुधवार को अदालत में सजा सुनने के लिए मौजूद थे। अंग्रेजी में चल रही अदालती कार्यवाही उन्हें समझ में नहीं आ रही थी। फिर भी, शायद उन्हें सजा का आभास हो रहा था। कोई अदालती फैसले की कल्पना से सिहर रहा था, तो किसी की आंखों में आंसू थे, तो कोई गुमसुम था। कार्यवाही खत्म होते ही उनकी बेचैनी बढ़ गई। उन्होंने अपने-अपने वकीलों से यही पूछा कि क्या हुआ है?

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पढ़ें: शुक्रवार को सुनाई जाएगी दिल्ली गैंगरेप के दोषियों को सजा

पुलिस सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर गुनहगार मुकेश कुमार, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को लेकर अदालत कक्ष में दाखिल हुई। जैसे-जैसे कार्यवाही आगे बढ़ रही थी, वैसे-वैसे उनके माथे पर चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही थीं। विनय की आंखों में आंसू थे और अक्षय गुमसुम था। पवन परेशान था, तो मुकेश के चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई थीं। उनकी इस स्थिति को देखते हुए बचाव पक्ष के अधिवक्ता एपी सिंह, विवेक और वीके आनंद ने उनसे बात की।

उन्होंने दिलासा दिया कि वह पूरा प्रयास करेंगे कि उन्हें फांसी की सजा न हो। यहां से उन्हें जीत नहीं मिली तो वह हाई कोर्ट में अपील करेंगे।

तस्वीरों में देखें: दोषियों को फांसी की मांग

घबराहट में बीती रात:-

दिल्ली गैंगरेप मामले में तिहाड़ जेल में बंद चारों मुजरिमों की सांसें अटकी हुई हैं। मंगलवार को अदालत ने दोषी ठहराए जाने के बाद सजा पर बहस का दिन बुधवार मुर्करर किया था। नतीजतन जेल में चारों आरोपी पूरी रात ठीक से नहीं सो पाए। रात में कई बार उन्होंने उठकर पानी पीया। जेल सूत्रों के मुताबिक सभी आरोपी 11 बजे बिस्तर पर चले गए थे, लेकिन उन्हें नींद नहीं आ रही थी।

नतीजतन आधी रात में पवन व विनय अपने सेल में टहलते देखे गए। उन्हें खाना भी पहले की अपेक्षा आधा ही खाया था। बुधवार को सजा सुनाए जाने की संभावना से अक्षय ठाकुर, मुकेश, पवन और विनय खासे तनाव में थे। जेल सूत्रों ने बताया कि अदालत से वापस जेल पहुंचने पर मंगलवार को सभी रुआंसे थे। अपने-अपने सेल में जाने से पहले सभी ने एक-दूसरे को गले मिल ढांढस बंधाया। जेल के अंदर जाते ही सभी आरोपी अन्य दिनों की तरह बातचीत करने के बजाय चुप रहे।

रात में उन्हें जेल प्रशासन द्वारा जब खाने के लिए दाल-रोटी दी गई तो उन्होंने अनमने ढंग से थोड़ा खाना ही खाया। ात हो कि तिहाड़ की जेल संख्या-4 में अक्षय ठाकुर व मुकेश को, जबकि जेल संख्या-7 में विनय शर्मा और पवन को रखा गया है। पांचवां आरोपी राम सिंह जेल संख्या-3 में बंद था। उसने 11 मार्च को फांसी लगा ली थी। वर्तमान में जेल में बंद सभी आरोपियों के सेल में उनपर 24 घंटे नजर रखने के लिए वहां सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। सजा के बाद तय होगी कैदियों के रहने की जगह : तिहाड़ जेल के प्रवक्ता सुनील गुप्ता ने बताया कि सजा के बाद आरोपियों को किस सेल अथवा जेल में भेजा जाएगा। यह अभी तय नहीं किया गया है। यह भी संभव है कि सजा सुनाए जाने के बाद भी आरोपियों को उसी सेल में रखा जाए जहां वे वर्तमान में रह रहे हैं। गुप्ता ने बताया कि सजा सुनाए जाने के बाद अधिकारियों की बैठक के बाद उनके रहने की स्थायी जगह तय होगी।

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