दिल्ली के करोड़पति कारोबारी भंवरलाल लेंगे दीक्षा
सांसारिक बंधनों को तोड़ देने का नाम ही संन्यास है। भारतीय संस्कृति में अहम स्थान रखने वाली इस परंपरा का एक दृश्य गुजरात के अहमदाबाद में भी दिखाई देने जा रहा है। धन-संपत्ति, यश-वैभव सब छोड़कर अध्यात्म में रमने जा रहे दिल्ली के अरबपति कारोबारी भंवरलाल जैन 31 मई को
अहमदाबाद। सांसारिक बंधनों को तोड़ देने का नाम ही संन्यास है। भारतीय संस्कृति में अहम स्थान रखने वाली इस परंपरा का एक दृश्य गुजरात के अहमदाबाद में भी दिखाई देने जा रहा है। धन-संपत्ति, यश-वैभव सब छोड़कर अध्यात्म में रमने जा रहे दिल्ली के अरबपति कारोबारी भंवरलाल जैन 31 मई को यहां करीब 70 हजार लोगों की मौजूदगी में जैन संत बनने के लिए दीक्षा लेंगे।
जैन की दीक्षा के इस समारोह की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। मूल रूप से राजस्थान के सिरोही जिले के भंवरलाल को इस समारोह में अंतिम बार दुनियावी शान-शौकत के साथ लाया जाएगा। समारोह स्थल पर बनाए गए 'संयम' नाम के जहाज में उन्हें लाया जाएगा इसके बाद पूरी उम्र पैदल ही उनका सफर होगा। करीब 500 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक और समाजसेवी भंवरलाल वर्षो से जैन समाज व धर्म की सेवा में जुटे हुए हैं। सौ से अधिक सामाजिक संस्थाओं व करीब दो दर्जन धार्मिक संस्थाओं के प्रमुख के रूप में काम करते हुए वे जैन संत आचार्य गुणरत्न सूरीश्वर महाराज के सानिध्य में आए हैं।
डीआर इंटरनेशनल के प्रमुख भंवरलाल के तीन दिन चलने वाले इस दीक्षा समारोह में पहली बार 41 आचार्य, एक हजार जैन साधु-साध्वियां शामिल होंगे। जैन संत श्रीमद्विजय जयघोष सूरीजी के सानिध्य में होने वाले इस समारोह में आचार्य गुणरत्न सूरीजी यह 355वीं दीक्षा दिलाएंगे जबकि भंवरलाल उनके 108वें शिष्य बनने जा रहे हैं। मूल रूप से राजस्थान के भंवरलाल ने दिल्ली को कर्मस्थली बनाया जबकि अध्यात्म की दुनिया में जाने के लिए अहमदाबाद को चुना। जैन भगवती दीक्षा समारोह 29 से 31 मई तक चलेगा।