रक्षा मंत्री पर्रिकर बोले, सियाचिन से नहीं हटेगी सेना
सियाचिन के गैर सैन्यीकरण पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने साफ शब्दों में कुछ नहीं बोला। एक रिपोर्टर के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है। भारत को करीब एक हजार जवानों की शहादत के बाद उस दुर्गम इलाके पर नियंत्रण हासिल करने में कामयाबी हासिल
विशाखापत्तनम। इंटरनेशनल मैरीटाइम कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्री ने साफ कर दिया कि सियाचिन से सेना नहीं हटायी जायेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए सेना हटाना कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े युद्ध क्षेत्र पर नियंत्रण पाने के लिए भारतीय सेना के करीब एक हजार जवानों की शहादत देनी पड़ी थी।
हाल के दिनों में बेहतर सुविधाओं के बाद जवानों की शहादत में कमी आयी है। लेकिन एक भी जवान की शहादत से उन्हें काफी दुख होता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि किसी भी दुख का अंतिम सिरा नहीं होता है। सियाचिन में जो कुछ हुआ वो एक प्राकृतिक हादसा था। जिसे नियंत्रित कर पाना मुश्किल होता है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने सियाचिन को बिना किसी सीमा रेखांकन के पीस माउंटेन (गैरसैन्यी करण ) बनाने का सुझाव दिया था।
विश्व के सबसे ऊंचे युद्ध स्थल में शुमार सियाचिन में भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की सेनाएं तैनात हैं। ये सैनिक करीब छह हजार मीटर ऊंचाई वाले इस युद्ध क्षेत्र की रखवाली करते हैं। दोनों देशों की सेनाओं के ज्यादातर जवाना प्राकृतिक आपदाओं का शिकार हो चुके हैं।
गौरतलब है कि हाल के दिनों में हिमस्खलन में एक जेसीओ समेत 10 जवान हजारों टन बर्फ की चट्टान के नीचे दब गए थे। जवानों को बचाने के लिए भारतीय सेना और वायु सेना की तरफ से हर संभव कोशिश की गई। लेकिन जवानों को बचाया नहीं जा सका।