रास्ते पर आए रक्षा मंत्री
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सीमा पर पांच भारतीय जवानों की हत्या पर दिए गए बयान को लेकर उठे विरोध ने रक्षा मंत्री एंके एंटनी को सही रास्ते पर ला दिया है। सीमा पार से हुई इस करतूत पर पाकिस्तानी सेना को क्लीन चिट देने वाले अपने बयान को रक्षा मंत्री एके एंटनी ने न केवल पलट दिया, बल्कि पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाकर संसद और शेष देश में व्याप्त गुस्से को भी शांत किया।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सीमा पर पांच भारतीय जवानों की हत्या पर दिए गए बयान को लेकर उठे विरोध ने रक्षा मंत्री एंके एंटनी को सही रास्ते पर ला दिया है। सीमा पार से हुई इस करतूत पर पाकिस्तानी सेना को क्लीन चिट देने वाले अपने बयान को रक्षा मंत्री एके एंटनी ने न केवल पलट दिया, बल्कि पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाकर संसद और शेष देश में व्याप्त गुस्से को भी शांत किया। भूल-सुधार की कोशिश में आए ताजा बयान में एंटनी ने माना कि 5 और 6 अगस्त की मध्यरात्रि को वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारतीय हद में घुसकर किए गए हमले को पाक सेना के विशेष दस्तों ने अंजाम दिया। तेवरों के साथ यू-टर्न में रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा पर हुई इस घटना का असर नियंत्रण रेखा पर भारत के रवैये और पाकिस्तान के साथ रिश्तों पर भी होगा। विपक्ष ने एंटनी की भूल-सुधार का स्वागत किया, साथ ही अपनी भी पीठ थपथपाई।
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भारतीय जवानों की हत्या के मामले पर सड़क से लेकर संसद तक नजर आए गुस्से और विपक्ष के आक्रामक रवैये के बीच सरकार और कांग्रेस ने रातों रात फैसला लेकर भूल सुधार के तौर तरीके तय कर लिए थे। बयान को नया तेवर दे दिया गया था। गुरुवार को दोनों सदनों में एंटनी ने वही बयान दिया, जो सबको एक साथ खड़ा कर सके। जम्मू-कश्मीर का दौरा कर लौटे सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह से गुरुवार सुबह मुलाकात के बाद लोकसभा में दिए बयान में एंटनी ने दो-टूक कहा कि नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की तरफ से होने वाली कोई भी कार्रवाई वहां की सेना के सहयोग व सहायता के बिना संभव नहीं है। एंटनी ने सीमा पार को चेतावनी भी दी कि भारत के संयम को उसकी कमजोरी न समझे। भारत और उसकी सेनाएं और सरकार नियंत्रण रेखा की मर्यादा हर हाल में बनाए रखेगी। एंटनी ने पुराने वक्तव्य में कहा था कि सरला पोस्ट पर हुए हमले को पाक सेना की वर्दी पहने लोगों ने अंजाम दिया था। इस पर विपक्ष और उनकी पार्टी कांग्रेस को भी सख्त एतराज था। उस बयान से पलटने के बाद हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि 6 अगस्त को सदन में दिया उनका बयान तात्कालिक तथ्यों पर था।
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रक्षा मंत्री ने तेवरों को तल्ख बनाते हुए स्पष्ट कहा कि पुंछ की घटना का असर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना के व्यवहार के साथ ही पाकिस्तान के साथ रिश्तों में नजर आएगा। लोकसभा में काफी हंगामे के बाद आए एंटनी की भूल-सुधार का नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह मामला राजनीति का नहीं था। देश की भावना का सवाल था।
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रक्षा मंत्रालय का मूल बयान :
हमले को पाकिस्तानी सेना के साथ करीब 20 हथियारबंद आतंकियों ने अंजाम दिया।
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एंटनी का पहला बयान :
हमले को पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहने करीब 20 हथियार बंद आतंकियों ने अंजाम दिया।
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एंटनी का संशोधित बयान :
पाक अधिकृत कश्मीर से आए हमलावर समूह में पाकिस्तानी सेना का विशेष दस्ता शामिल था और उसी ने नियंत्रण रेखा लांघ कर हमारे बहादुर जवानों को मारा।
अर्से बाद 26/11 का जिक्र
राष्ट्रहित के खिलाफ बयान का दोष झेल रही सरकार पर दबाव कितना था, इसका अंदाजा इससे लग सकता है कि रक्षामंत्री ने एक कदम आगे बढ़ते हुए पाकिस्तान को 26/11 हमले में कार्रवाई की याद भी दिला दी। ऐसा अर्से बाद हुआ।
चेहरा बचाने की कोशिश में दिए बयान में एंटनी ने कहा कि सीमा पर हुए इस हमले और इसके पहले हुई दो भारतीय सैनिकों के सिर कलम करने के दोषियों को हर हाल में सजा मिलनी चाहिए। पाक को अपने यहां आतंकी ढांचे को खत्म करने के लिए मजबूत संकल्प व कार्रवाई दिखाने के साथ ही 26/11 हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
दो दिन में एंटनी का यू-टर्न
-5 और 6 अगस्त की मध्य रात्रि भारत की सीमा में घात लगाकर किए गए पाकिस्तानी हमले में भारती गश्ती दल के पांच जवान मारे गए। पुंछ सेक्टर की सरला चौकी पर हुए इस हमले की जानकारी सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने 6 अगस्त की सुबह रक्षा मंत्री एके एंटनी को दी।
- 6अगस्त को संसद में रक्षा मंत्री एके एंटनी के बयान की मांग उठी और हंगामे में कार्यवाही नहीं चल पाई। इस बीच एंटनी का बयान तैयार करने के लिए सेना व मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम जुटी। बयान पर विदेश मंत्रालय व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से भी मशविरा लिया गया।
- भोजनावकाश के बाद एंटनी ने 3:00 बजे पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में घटना पर जो बयान दिया, उसमें रात के अंधेरे में घात लगाकर किए गए हमले के लिए पाकिस्तानी सेना की बजाय आतंकवादियों और पाक सेना की वर्दी पहने लोगों को जिम्मेदार ठहराया गया।
- राज्यसभा में एंटनी के इस बयान पर विपक्ष के साथ समर्थक दलों की ओर से भी सवाल उठे। हालांकि एंटनी इस बयान पर कायम रहे और उसे ताजा सूचनाओं पर आधारित बताया।
-हालांकि इस बीच रक्षा मंत्रालय के जम्मू कार्यालय से शाम 3:56 बजे जारी विज्ञप्ति में हमले को पाकिस्तानी सेना की बॉर्डर एक्शन टीम और आतंकियों की करतूत बताया।
- संसद में एंटनी के बयान के मद्देनजर जम्मू कार्यालय को देर शाम अपना वक्तव्य वापस लेना पड़ा।
- पाक सेना को एंटनी की क्लीन चिट से उठे बवाल के बीच 7 अगस्त को भी सदन की कार्यवाही बाधित रही। विपक्ष के सवालों पर दी सफाई में एंटनी ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गए सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह के लौटने का इंतजार कर रहे हैं। नए तथ्य सामने आने पर एंटनी ने सदन के आगे पेश करने का वादा भी किया।
- देश में रक्षा मंत्री के बयान के खिलाफ मूड देख कांग्रेस और सरकार भी बचाव की मुद्रा में आ गई। प्रधानमंत्री ने एंटनी के साथ दो दौर की मुलाकात की। बुधवार शाम विपक्षी नेताओं के साथ हुई बैठक में सरकार ने बयान बदलने के संकेत दिए।
- आठ अगस्त की सुबह रक्षा मंत्री ने सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह से मुलाकात की। इसके बाद एंटनी ने नए बयान में सीधे तौर पर पाक सेना के विशेष दस्तों को जिम्मेदार ठहराया।
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