बागपत की पंचायत ने दिया बेटी भगाने के बदले बेटी उठाने का फैसला
बागपत के बासौद गांव में पंचायत में 11 अप्रैल तक भागी युवती बरामद नहीं होने पर प्रेमी के परिवार से एक बेटी को उठा लेने का फैसला सुनाया।
बागपत (जेएनएन)। तुगलकी फरमानों के लिए अकसर सुर्खियों में रहने वाली सामाजिक पंचायतों ने अपना अंदाज अभी भी नहीं बदला। सिंघावली अहीर थाना क्षेत्र के बासौद गांव में आज पूर्व प्रधान के घर हुई पंचायत में तालीबानी एलान किया गया कि 11 अप्रैल तक फरार युवती बरामद नहीं हुई तो प्रेमी के परिवार से एक बेटी को उठा लिया जाए। मामला दो संप्रदायों से जुड़ा होने से गांव में तनाव है।
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बासौद गांव निवासी प्रेमी जोड़े ने 21 जनवरी को घर से भाग कर 16 फरवरी को दिल्ली की कड़कडड़ूमा कोर्ट में विवाह कर लिया। इसके लिए 50 हजार रुपये की मेहर भी तय की गई। इसके बाद दंपती ने एसपी से सुरक्षा की गुहार लगाई। बाद में दंपती ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर ङ्क्षसघावली अहीर पुलिस और उत्तर प्रदेश सरकार को पार्टी बनाया। इस पर हाईकोर्ट ने युवक को आदेश दिया कि वह युवती के नाम दो लाख रुपये की एफडी जमा कराए और 11 अप्रैल को कोर्ट में हाजिर हो। इससे पूर्व ही आज दोनों पक्षों की मौजूदगी में गांव में पंचायत हुई।
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तय हुआ कि 11 अप्रैल तक लड़का पक्ष लड़की को गांव नहीं लाता है तो उनके परिवार की लड़की उठा ली जाए। गौरतलब है कि पूर्व में भी दोनों पक्षों के बीच हुए संघर्ष में लड़की का पिता व भाई समेत पड़ोसी घायल हो गए थे।एसपी अजय शंकर राय ने बताया कि पंचायत की जानकारी नहीं है। जांच कर इस तरह का निर्णय लेने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।