भारतीय सुरक्षा बलों पर पिछले एक साल में हुए जानलेवा हमले
पिछले एक साल के अंतराल में भारतीय सेना कैंप में हुए इतने जानलेवा आतंकी हमले....
नई दिल्ली (एएनआई)। जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के आर्मी कैंप में हुए आतंकवादी हमले में कैप्टन सहित तीन सैनिक शहीद हो गए। एलओसी के निकट स्थित आर्मी बेस कैंप में हुए इस आतंकी हमले में दो आतंकवादी भी मारे गए। रिपोर्ट के अनुसार दो और आतंकवादी अब भी छिपे हुए हैं और ढूंढ़ने की कोशिश जारी है।
मालूम हो कि ये पहली बार नहीं है जब आतंकवादियों ने भारत के किसी आर्मी ठिकाने को अपने निशाना बनाया है। इससे पहले भी कई बार अार्मी कैंप को अातंकवादियों ने निशाना बनाया है। पिछले साल से लेकर अब तक की घटनाएं...
जनवरी 2016
पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन जो भारतीय आर्मी फोर्स का पश्चिमी भाग है, यहां भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के द्वारा हमला किया था। जिसमें तीन आर्मी जवानों की जानें गई थीं लेकिन इन जवानों ने बहादुरी से लड़ते समय चार आतंकवादियों को मार भी गिराया। ये आतंकवादी इस्लामिक मिलिटैंट समूह जैश-ए-मोहम्मद से संबंध रखते थे।
18 सितंबर, 2016
जम्मू कश्मीर के उड़ी बारामूला में भारतीय आर्मी फोर्स पर किये गए सबसे खतरनाक हमलों में से एक, जिसमें 19 सैनिक मारे गए थे। 18 सितंबर 2016 को उरी में बारामूला के नजदीक एलओसी पर हुआ ये एक फिदायीन हमला था।
उड़ी आतंकवादी हमले में बड़ी संख्या लोग हताहत हुए थे। ऐसा इसलिये हुआ था क्योंकि उस समय डोगरा रेजिमेंट के बहुत से सैनिक शिविर में तंबू और अन्य अस्थायी ढांचे में तैनात थे। इसी समय हमले के दौरान कुछ तंबू में आग लग गए, जो बैरक के अन्य भागों में भी फैल गई।
भारत ने 29 सितंबर, 2016 को पाकिस्तानी-प्रशासित आज़ाद कश्मीर में नियंत्रण रेखा के आतंकवादी लॉन्च पैड के खिलाफ एक सर्जिकल स्ट्राइक भी किया था। जिसमें आतंकियों को निष्प्रभावी बनाया गया था उड़ी में हुए हमले में भी आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद का हाथ माना जा रहा था।
29 नवंबर 2016
जम्मू कश्मीर के नागरोटा में हुए इस आतंकवादी हमले में दो मेजर सहित सात सैनिकों की हत्या हो गई थी। इस हमले में आतंकवादी पुलिस के वेष में आए थे, और 12 घंटों से अधिक समय तक ये लड़ाई चली थी।
5 दिसंबर 2014
उत्तरी कश्मीर के उड़ी के सेना हेडक्वार्टर में हुए भीषण आतंकी हमले में 17 जवान मारे गए थे और 19 दूसरे अधिकारी घायल हो गए थे। इस ऑपरेशन में छह आतंकवादी भी मारे गए थे।