दादरी कांड : फॉरेंसिक रिपोर्ट में सामने आ गया मांस के टुकड़े का सच
नोएडा के दादरी के बिसाहड़ा गांव में घर में गौ-मांस होने की अफवाह में मोहम्मद इकलाख को भले ही मौत के घाट उतार दिया गया, लेकिन हकीकत में उनके घर में बीफ (गौ-मांस) नहीं मटन था। यह सच फॉरेंसिक रिपोर्ट में सामने आ गया है।
लखनऊ। नोएडा के दादरी के बिसाहड़ा गांव में घर में गौ-मांस होने की अफवाह में मोहम्मद इकलाख को भले ही मौत के घाट उतार दिया गया, लेकिन हकीकत में उनके घर में बीफ (गौ-मांस) नहीं मटन था। यह सच फॉरेंसिक रिपोर्ट में सामने आ गया है।
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार मेरठ फॉरेंसिक रिपोर्ट में पता चला है कि इकलाक के घर में फ्रीज में रखा गया मीट बीफ नहीं बल्कि मटन था। नोएडा के जिला प्रशासन ने इस कांड के तूल पकडऩे के बाद मीट की पशु डॉक्टर से जांच कराई। फिर इसको मथुरा के पशु चिकित्सालय की फोरेंसिक लैब में भेजा गया। यहां जांच में पता चला कि इकलाख के घर में फ्रीज में जो मीट रखा गया था वो बीफ नहीं बल्कि मटन था।
पुलिस ने 28 सितंबर की रात इकलाख के घर से मिला का मांस का नमूना प्रारंभिक परीक्षणों के लिए एक पशु चिकित्सक के पास भेज दिया। जांच में पता चला कि मांस का टुकड़ा मटन था। इसके बाद भी पुलिस ने इसकी जांच कराने को मथुरा भेजा। इस घटना में पुलिस की प्राथमिकी में कहीं भी गौ-मांस का जिक्र नहीं था।
गौरतलब है कि नोएडा के दादरी के बिसाहड़ा गांव के मोहम्मद इकलाख के घर में गौ-मांस होने की अफवाह पर उनकी हत्या कर दी गई थी। हमले में इकलाख के पुत्र दानिश को भी जमकर पीटा गया था, जिसके बाद उसको गंभीर हालत में कैलाश हास्पिटल में भर्ती कराया गया। अब वह मौत के मुंह से बाहर निकल रहा है। लोगों में इकलाख के घर में गौ-मांस मिलने की खबर से गुस्से का आलम यह था कि पुलिस के पहुंचने के बाद भी भीड़ अखलाक और उसके बेटे को जानवरों की तरह पीट रही थी। इस नृशंस हत्या के बाद देशभर में इसकी निंदा हुई। इकलाख का परिवार बीते 35 वर्ष से बिसाहड़ा में रह रहा था। अब आलम यह है कि परिवार एक पल भी गांव में नहीं रहना चाहता है। वह किसी अन्य जगह की तलाश में लगा है।