भ्रष्ट अफसरों पर मुकदमा चलाने की समय सीमा बढ़े: CVC
चौधरी ने कहा, 'चार माह की अवधि एक व्यवहारिक नहीं है। यह समय सात महीना होनी चाहिए, लेकिन हम इस मामले को अदालत पर छोड़ रहे हैं।'
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) केवी चौधरी ने भ्रष्ट सरकारी कर्मियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने की मौजूदा चार महीने की समय-सीमा 'अव्यवहारिक' करार दिया है। उन्होंने इस समय सीमा को तीन और महीने बढ़ाने का सुझाव दिया है।
चौधरी ने प्रेट्र को बताया कि सीवीसी जल्द ही समय सीमा बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी पर तीन महीने में फैसला हो जाना चाहिए। कोर्ट ने उन मामलों में एक महीने देने की बात कही थी जिसमें अटार्नी जनरल या अन्य विधिक अधिकारियों से सलाह मशविरे की जरूरत होती है। इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों पर मुकदमा चलाने के बारे में हर हाल में चार महीने में फैसला हो जाना चाहिए।
चौधरी ने कहा, 'चार माह की अवधि एक व्यवहारिक नहीं है। यह समय सात महीना होनी चाहिए, लेकिन हम इस मामले को अदालत पर छोड़ रहे हैं।' उन्होंने बताया कि आयोग के विधि अधिकारी प्रस्ताव की समीक्षा कर रहे हैं। इसे (समय सीमा) विशेष रूप से अखिल भारतीय सेवा संवर्ग के अधिकारियों (आइएएस, आइपीएस और आइएफएस) के मामलों में बढ़ाया जाना चाहिए।
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