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जम्मू-कश्मीरः घाटी में 94वें दिन भी सामान्य जनजीवन पूरी तरह ठप

कश्मीर घाटी में मुहर्रम के मद्देनजर सुरक्षा कारणों से लगाई गई पाबंदियों के चलते लगातार 94वें दिन भी सामान्य जनजीवन पूरी तरह ठप रहा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 10 Oct 2016 03:57 PM (IST)Updated: Mon, 10 Oct 2016 04:07 PM (IST)
जम्मू-कश्मीरः घाटी में 94वें दिन भी सामान्य जनजीवन पूरी तरह ठप

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। कश्मीर घाटी में सोमवार को अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित बंद और आठ मुहर्रम के मद्देनजर सुरक्षा कारणों से लगाई गई पाबंदियों के चलते लगातार 94वें दिन भी सामान्य जनजीवन पूरी तरह ठप रहा। इस दौरान श्रीनगर के बटमालू व गु़रु बाजार से शिया मातमियों ने जुलूस भी निकाले,लेकिन वह संबधित इलाकों में ही सीमित रहे।
हालांकि अलगाववादियों ने आज बंद के साथ साथ सभी पुलिस थानों व चौकियों के घेराव का भी आहवान किया था। लेकिन दोपहर तक किसी भी जगह आम लोग अलगाववादियों के फरमान पर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुलिस थाने या चौकी के बाहर जमा नहीं हुए। अलबत्ता, सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहे। बीते कुछ दिनों से सड़कों पर निजी वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या पर भी आज ब्रेक लगा रहा। बहुत कम निजी वाहन सड़कों पर नजर आए।
प्रशासन ने एहतियातन कर्फ्यू का दायरा आज बढ़ा दिया। डाऊन-टाऊन के पांच थाना क्षेत्रों के अलावा श्रीनगर के मैसूमा, कोठीबाग और बटमालू थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया। इसके अलावा पुलवामा जिले के पांपोर में भी प्रशासन ने एहतियातन कर्फ्यू घोषित कर संबधित इलाकों में आने जाने के सभी रास्ते सील कर दिए।
श्रीनगर में लालचौक की तरफ आने जाने वाले सारे रास्ते बंद थे। सिर्फ मौलाना आजाद मार्ग और सचिवालय को जोडऩे वाली सड़क खुली थी,लेकिन उस पर भी आम वाहनों या लोगों की आवाजाही नहीं हो रही थी।
सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिकबलों के जवानों के नाके लगाए गए थे। इसके अलावा सुरक्षाबलों की गश्त भी बढ़ाइ्र गई थी।

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संबंधित अधिकारियों ने बताया कि यह पाबंदियां आठ मुहर्रम के अवसर पर निकलने वाले शिया समुदाय के जुलूस और अलगाववादियों द्वारा लोगों से थानों के घेराव के किए गए अह्वान को देखते हुए एहतियातन लगाई गई हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान शरारती तत्वों द्वारा हिंसा भड़काए जाने की साजिश थी। यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि कश्मीर में आठ मुहर्रम का जुलूस लालचौक और मैसूमा से गुजरता है।
अलबत्ता, प्रशासनिक पाबंदियों के बावजूद श्रीनगर के बटमालू और गुरु बाजार से शिया मातमियों का जुलूस निकला। यह लोग लालचौक की तरफ आना चाहते थे,लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने इन्हें संबधित इलाकों तक ही सीमित रखा। इस दौरान बटमालू में मातमियों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।

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