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ड्यूटी में जान गंवाने वालो को 'शहीद' का दर्जा देगा सीआरपीएफ

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने तय किया है कि ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले जवानों और अधिकारियों को सम्मान देने के लिए वह उनके नाम के आगे 'शहीद' शब्द का इस्तेमाल करेगा। सीआरपीएफ देश का सबसे बड़ा नक्सल विरोधी सुरक्षा बल है। बड़ी संख्या में तैनाती के कारण आंतरिक सुरक्षा में लगे किसी भी अन्य बल की त

By Edited By: Published: Sun, 17 Aug 2014 04:17 PM (IST)Updated: Sun, 17 Aug 2014 04:17 PM (IST)
ड्यूटी में जान गंवाने वालो को 'शहीद' का दर्जा देगा सीआरपीएफ

नई दिल्ली। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने तय किया है कि ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले जवानों और अधिकारियों को सम्मान देने के लिए वह उनके नाम के आगे 'शहीद' शब्द का इस्तेमाल करेगा। सीआरपीएफ देश का सबसे बड़ा नक्सल विरोधी सुरक्षा बल है।

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बड़ी संख्या में तैनाती के कारण आंतरिक सुरक्षा में लगे किसी भी अन्य बल की तुलना में सबसे ज्यादा जान गंवाने वाले कर्मी सीआरपीएफ के होते हैं। सीआरपीएफ ने तत्काल प्रभाव से ड्यूटी के दौरान मरने वाले जवानों और अधिकारियों के नाम के आगे शहीद लिखने का फैसला लिया है। सीआरपीएफ के महानिदेशक दिलीप त्रिवेदी ने कहा, 'मृत जवानों को उपयुक्त उपाधि देने की मांग लंबे समय से उठ रही थी। हमने पाया कि इस संबंध में फैसला लेने की दिशा में हमारे सामने कोई कानूनी बाधा नहीं है। इसलिए हमने हाल ही में अपने शहीद जवानों के नाम के आगे 'शहीद' लिखने का निर्देश जारी किया है।' सीआरपीएफ के करीब 90 हजार जवान नक्सल विरोधी अभियानों में तैनात हैं।

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