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डाकघर व सीएससी के जरिये बिकेगी फसल बीमा पॉलिसी

अभी ऐसे 22 फीसद किसानों ने ही ले रखी है क्रॉप इश्योरेंस पॉलिसी..

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Thu, 25 May 2017 10:25 PM (IST)Updated: Thu, 25 May 2017 10:25 PM (IST)
डाकघर व सीएससी के जरिये बिकेगी फसल बीमा पॉलिसी
डाकघर व सीएससी के जरिये बिकेगी फसल बीमा पॉलिसी

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार फसल बीमा पॉालिसी बेचने के लिए कॉमन सर्विस सेंटरों (सीएससी) और डाकघरों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करेगी। सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना यानी पीएमएफबीवाई जैसी क्रॉप इंश्योरेंस स्कीमों को कर्ज नहीं लेने वाले किसानों तक पहुंचाने के लिए यह फैसला किया है। यह काम जुलाई से शुरू हो रहे अगले फसल वर्ष 2017-18 में चालू होगा। फिलहाल कर्ज लेने वाले किसानों के लिए फसल बीमा पॉलिसी लेना अनिवार्य है।

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सरकार चाहती है कि पीएमएफबीवाई के साथ मौसम आधारित फसल बीमा स्कीम (डब्ल्यूबीसीआइएस) का लाभ लोन लेने और न लेने वाले दोनों तरह के किसानों को मिले। एक वरिष्ट सरकारी अधिकारी ने कहा, 'फिलहाल बैंकों से कर्ज नहीं लेने वाले किसानों में से केवल 22 फीसद ने ही फसल बीमा पॉलिसी ले रखी है। हम इन किसानों के बीच फसल बीमा लेने वालों का अनुपात बढ़ाकर 40-50 फीसद तक पहुंचाना चाहते हैं। इसीलिए उन तक पहुंचने की खातिर कई प्लेटफॉर्मो का इस्तेमाल करने का फैसला किया गया है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से स्थापित 1.75 लाख सीएससी का इस्तेमाल अभी तक आधार नंबर देने, पासपोर्ट के लिए आवेदन और रेलवे टिकटों की बुकिंग में किया जा रहा था।

इस अधिकारी के मुताबिक बैंक, बीमा कंपनियों और सहकारी संस्थाओं जैसे मौजूदा प्लेटफॉर्म कर्ज नहीं लेने वाले किसानों तक पहुंचने में नाकाफी साबित हो रहे हैं। यही नहीं, बैंकों की ऐसे किसानों को फसल बीमा बेचने में कोई दिलचस्पी नहीं है। जहां तक बीमा कंपनियों और कोऑपरेटिव का सवाल है तो उनकी गांवों तक पहुंच सीमित है। इसी के मद्देनजर पौने दो लाख सीएससी और करीब डेढ़ लाख डाकघरों के विशाल नेटवर्क का उपयोग करने की तैयारी है। ये सीएससी मामूली शुल्क पर फसल बीमा के कलेक्शन और संबंधित दस्तावेज अपलोड करने का काम बखूबी कर सकते हैं।

बीमा नियामक इरडा पहले ही एजेंटों और इंटरमीडियरीज को फसल बीमा के लिए सीएससी पोर्टल का इस्तेमाल करने की अनुमति दे चुका है। फिलहाल इसका परीक्षण किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने अगले फसल वर्ष के लिए पीएमएफबीवाई और डब्ल्यूबीसीआइएस पॉलिसियों को बेचने के लिए 13 बीमा कंपनियों को पैनल में शामिल किया है। बाजार में प्रतिस्पर्धा पैदा करने के लिए ज्यादा कंपनियों का नामांकन किया गया है।


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