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राजा भैया का रहा विवादों से नाता

सियासत में कदम रखने के बाद से कुंडा के निर्दलीय विधायक राजा भैया किसी न किसी मामले को लेकर अक्सर सुर्खियों में बने रहे हैं। दस वर्ष पहले पहले मायावती सरकार से बगावत करने पर राजा भैया पर पोटा (आतंकवाद निरोधी कानून) लगाया गया था। इसके बाद बनी मुलायम सरकार ने पोटा वापस ले लिया था, बाद में कोर्ट के

By Edited By: Published: Tue, 05 Mar 2013 08:26 AM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2013 10:08 AM (IST)
राजा भैया का रहा विवादों से नाता

दिनेश सिंह, प्रतापगढ़। सियासत में कदम रखने के बाद से कुंडा के निर्दलीय विधायक राजा भैया किसी न किसी मामले को लेकर अक्सर सुर्खियों में बने रहे हैं। दस वर्ष पहले पहले मायावती सरकार से बगावत करने पर राजा भैया पर पोटा (आतंकवाद निरोधी कानून) लगाया गया था। इसके बाद बनी मुलायम सरकार ने पोटा वापस ले लिया था, बाद में कोर्ट के पोटा बहाल करने पर राजा भैया ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। अब पुलिस उपाधीक्षक हत्याकांड की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज होने पर राजा भैया को पद से इस्तीफा देना पड़ा है।

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रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पहली बार सन 1993 में कुंडा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में रिकॉर्ड मतों से जीते थे। इसके बाद से अभी तक वह लगातार जीतते आ रहे हैं।

2002 में मायावती की अगुवाई में बसपा-भाजपा गठबंधन की सरकार बनी तो राजा भैया को मंत्री नहीं बनाया गया। बगावत करते हुए निर्दलीय विधायकों के अगुवा बन राजा भैया ने 25 अक्टूबर, 2002 को मायावती सरकार से समर्थन ले लिया था। भाजपा के दर्जन भर विधायकों ने भी उनका साथ दिया था। उसी दिन जेठवारा थाने में राजा भैया के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ।

दो नवंबर, 2002 को तड़के भाजपा विधायक पूरन सिंह बुंदेला की तहरीर पर लखनऊ के हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज करके राजा भैया के साथ धनंजय सिंह (जौनपुर के बसपा सांसद) को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। उन पर गैंगस्टर, रासुका के तहत मुकदमा कायम किया गया। 25 जनवरी, 2003 को भदरी कोठी से एके 56 की बरामदगी के मामले में पुलिस ने राजा भैया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया।

आरोप लगा कि गणतंत्र दिवस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री की हत्या की साजिश थी। इस आधार पर राजा उदय सिंह, साजिश रचने के मामले में कानपुर जेल में बंद राजा भैया, मिर्जापुर जेल में बंद एमएलसी गोपालजी पर पोटा के तहत मुकदमा दर्ज हुआ।

मायावती सरकार ने बेंती तालाब को अधिग्रहीत कर उसे पक्षी विहार घोषित कर दिया। उस समय सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और महासचिव अमर सिंह राजा भैया के साथ खड़े हुए थे। मायावती सरकार के इस्तीफा देने के बाद जब 29 अगस्त, 2004 में सपा की सरकार बनी तो शपथ लेते ही मुलायम सिंह ने राजा भैया, राजा उदय प्रताप सिंह, गोपालजी पर लगा पोटा वापस ले लिया। इसके बाद उन्हें प्रदेश में मंत्री बनाया।

562 दिन बाद छूटे थे जेल से

मायावती सरकार में राजा भैया 2002 में भाजपा विधायक पूरन सिंह बुंदेला की तहरीर पर गिरफ्तार किए गए थे, तो 562 दिन बाद जेल से रिहा हुए थे।

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