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ब्रेड में कैंसर ! कहीं मौत को तो नहीं दे रहे दावत

सीएसई की रिपोर्ट पर यदि यकीन करें तो मशहूर ब्रांड्स के ब्रेड में कैंसर पैदा करने वाले रसायन मिले हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इस मामले की विस्तृत जांच करायी जा रही है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Tue, 24 May 2016 09:25 AM (IST)Updated: Tue, 24 May 2016 03:15 PM (IST)
ब्रेड में कैंसर ! कहीं मौत को तो नहीं दे रहे दावत

नई दिल्ली। सुबह के नाश्ते में जो ब्रेड आप इस्तेमाल करते हैं। कहीं वो कैंसर को बढ़ावा तो नहीं दे रहा है। कहीं आप अनजाने में मौत की तरफ तो नहीं बढ़ रहे हैं। मशहूर एनजीओ सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायर्नमेंट( CSE) की रिपोर्ट ने चौंकाने वाली जानकारी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी दिल्ली में लगभग सभी शीर्ष ब्रांड के ब्रेड के नमूनों में कैंसर पैदा करने वाले रसायन मिले हैं। सीएसई की इस रिपोर्ट के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जांच के आदेश दे दिए हैं।

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जांच में मिला पोटैशियम ब्रोमेट और पौटैशियम आयोडेट

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायर्नमेंट (सीएसई) की रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच में पाव और बन सहित ब्रेड के सामान्य रुप से उपलब्ध 38 ब्रांड में से 84 प्रतिशत में पोटैशियम ब्रोमेट और पोटैशियम आयोडेट पाया गया है। पोटैशियम ब्रोमेट और पोटैशियम आयोडेट कई देशों में प्रतिबंधित है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उसमें से एक रसायन 2बी श्रेणी का कार्सिनोजेन( कैंसर पैदा करने वाला रसायन) है। दूसरे से थॉयराइड की समस्या हो सकती है। लेकिन भारत में इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध नहीं है।

किन ब्रांड की हुई जांच

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबित सीएसई ने ब्रिटानिया, हार्वेस्ट गोल्ड और फास्ट फूड चेन जैसे केएफसी, पिज्जा हट, डोमिनोज, सबवे, मैकडोनाल्ड और स्लाइस आफ इटली के नमूनों को जांच में शामिल किया। ब्रिटानिया, केएफसी, डोमिनोज, मैकडोनाल्ड और सबवे ने पोटैशियम ब्रोमेट और आयोडेट के इस्तेमाल से इनकार किया है।

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स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने क्या कहा ?

स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि इस मामले में जल्द ही विस्तृत जांच करायी जाएगी। सीएसई की प्रदूषण निगरानी प्रयोगशाला ने सामान्य रुप से उपलब्ध 38 ब्रांड के पैकिंग से पहले के ब्रेड, पाव और बन तथा दिल्ली के लोकप्रिय फास्ट फूड आउटलेट्स से बर्गर ब्रेड और तैयार पिज्जा ब्रेड की जांच की।

सीएसई की रिपोर्ट में क्या मिला ?

सीएसई के उप महानिदेशक ने कहा कि नमूनों की जांच में पोटैशियम ब्रोमेट या आयोडेट मिला। कुछ नमूनों में पोटैशियम ब्रोमेट या आयोडेट की मौजूदगी की बाहरी प्रयोगशाला से दोबारा जांच करायी गई। उन्होंने कहा कि अध्ययन से पता चला कि 38 नमूनों में से 32 में 1.15 से 22.54 पार्ट्स पर मिलियन :पीपीएम: पोटैशियम ब्रोमेट या आयोडेट मिला। पैक किये गए ब्रेड के करीब 24 में से 19 नमूने जिनमें सफेद ब्रेड, पाव, बन और तैयार पिज्जा ब्रेड के सभी नमूनों कैंसर पैदा करने वाले रसायन मिले। लगभग सभी शीर्ष ब्रांड के सैंडविच ब्रेड, पाव, बन और सफेद ब्रेड में पोटैशियम ब्रोमेट या आयोडेट का उच्च स्तर मिला।
सीएसई ने खाद्य नियामक एफएसएसएआई से पोटैशियम ब्रोमेट या आयोडेट के इस्तेमाल को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करने का अनुरोध किया है।

कंपनियों की सफाई

ब्रिटानिया का कहना है कि सभी ब्रेड उत्पाद एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित वर्तमान खाद्य सुरक्षा नियमों का 100 प्रतिशत पालन करते हैं। कंपनी ने यद्यपि एक बयान में कहा कि एफएसएसएआई के तहत पोटैशियम ब्रोमेट या आयोडेट के प्रयोग की सीमा अधिकतम 50 पीपीएम है। सीएसई की रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि तीसरे पक्ष की प्रयोगशाला रिपोर्ट में ब्रिटानिया के ब्रेड के नमूनों में पोटैशियम ब्रोमेट या आयोडेट नहीं मिला है। . यद्यपि ब्रिटानिया ब्रेड उत्पादन प्रक्रिया में इस्तेमाल कच्चे माल की जांच करेगा।

केएफसी ने अपनी सफाई में कहा कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य हमारी शीर्ष प्राथमिकता है। केएफसी सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने और उपभोक्ताओं को सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता के उत्पाद मुहैया कराने को प्रतिबद्ध हैं।

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