Covid-19 Vaccinations : मध्य अक्टूबर से पहले लगा दी जाएंगी एक अरब डोज, चुनावी राज्यों के लिए खास प्लान
शुक्रवार को एक महीने से भी कम समय में चौथी बार एक दिन में एक करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की खुराक लगाई गईं। यदि टीकाकरण इसी रफ्तार से जारी रहा तो अक्टूबर के मध्य से पहले कोविड-19 रोधी वैक्सीन की एक अरब डोज लगा दी जाएंगी।
नई दिल्ली, एजेंसियां। देश ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर टीकाकरण अभियान को ताकत देते हुए कोविड-19 रोधी वैक्सीन की 2.50 करोड़ से अधिक खुराक देकर एक कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। को-विन पोर्टल पर साझा गए गए आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक कुल 79.95 करोड़ खुराक दी जा चुकी है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि यदि टीकाकरण अभियान इसी रफ्तार से जारी रहा तो अक्टूबर के मध्य से पहले कोविड-19 रोधी वैक्सीन की एक अरब डोज (सिंगल और डबल डोज सहित) लगा दी जाएंगी।
1 billion (including both single-dose and double doses) #COVID19 vaccinations expected before mid-October: Sources
— ANI (@ANI) September 17, 2021
चुनावी राज्यों के लिए रखा लक्ष्य
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं वहां पात्र आबादी को कोविड-19 रोधी वैक्सीन की कम से कम एक खुराक देना सरकार की प्राथमिकता में है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक 100 करोड़ खुराकें देने का महत्वपूर्ण लक्ष्य पूरा होने की भी संभावना है।
यूपी में यह है लक्ष्य
केंद्र सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि देश की 20 फीसद वयस्क आबादी को कोविड-19 रोधी वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी हैं। यही नहीं 62 फीसद लोगों को कम से कम एक खुराक मिल चुकी है। उत्तर प्रदेश जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं वहां कम से कम 50 फीसद लोगों को कोविड रोधी वैक्सीन की एक खुराक लग चुकी है। सूत्रों ने बताया कि चुनाव के पहले राज्य की पूरी आबादी को कम से कम एक खुराक दिए जाने का लक्ष्य है।
फाइजर की वैक्सीन में इसलिए हो रही देरी
देश में फाइजर और माडर्ना की वैक्सीन में देरी पर आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि समय-समय पर निर्माताओं की मांगों में बदलाव के कारण इन टीकों को उपलब्ध कराने में देरी हो रही है। अभी तक जितने टीकों का इस्तेमाल हुआ है उनमें से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की निर्मित कोविशील्ड करीब 87.8 फीसद हैं। करीब 12.11 फीसद वैक्सीन भारत बायोटेक के कोवैक्सीन हैं। रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी को लेकर कोई खास प्रगति नहीं हो पाई है। अभी तक एक फीसद से कम स्पूतनिक-वी के टीके लगाए गए हैं।