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आरटीआइ के दायरे में आता है निर्माण उद्योग विकास परिषद

केंद्रीय सूचना आयोग ने कहा है कि निर्माण उद्योग विकास परिषद (सीआईडीसी) सूचना अधिकार कानून के दायरे से बाहर नहीं है। इस संबंध में उसने परिषद की दलीलों को खारिज कर दिया है। परिषद ने खुद को सोसायटी होने का तर्क देते हुए कहा था कि उसे किसी प्रकार का

By Manoj YadavEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2015 07:57 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2015 07:59 PM (IST)
आरटीआइ के दायरे में आता है निर्माण उद्योग विकास परिषद

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग ने कहा है कि निर्माण उद्योग विकास परिषद (सीआईडीसी) सूचना अधिकार कानून के दायरे से बाहर नहीं है। इस संबंध में उसने परिषद की दलीलों को खारिज कर दिया है। परिषद ने खुद को सोसायटी होने का तर्क देते हुए कहा था कि उसे किसी प्रकार का सरकारी धन नहीं मिलता है। इसलिए वह आरटीआई कानून के दायरे से बाहर है।

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सीआईडीसी की वेबसाइट के अनुसार, योजना आयोग ने इसका गठन निर्माण उद्योग के साथ मिलकर किया था। इसका उद्देश्य भारतीय निर्माण उद्योग के विकास को प्रोत्साहित करना था। केंद्रीय सूचना आयोग ने यह फैसला आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल के आवेदनों के सिलसिले में दिया है।

अग्रवाल ने सीआईडीसी से उसके गठन के समय योजना आयोग की टिप्पणियों की जानकारी मांगी थी। लेकिन सीआईडीसी ने उनके किसी भी आवेदन का जवाब नहीं दिया। बाद में सूचना आयोग के सामने इसने खुद को आरटीआई के दायरे से बाहर बताया।


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