रिवर फ्रंट डेवलपमेंट पर सहमति
राष्ट्रीय गंगा रिवर बेसिन प्राधिकरण (एनजीआरबीए) की टीम ने भी गंगा बैराज से जाजमऊ तक गंगा के तट को विकसित करने के लिए तैयार रिवर फ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर अपनी सहमति दे दी है। विश्वबैंक की टीम पहले ही अपनी सहमति दे चुकी है। इसी कड़ी में टीम ने दूसरे दिन केडीए अफसरों के साथ बने तीन सौ करोड़ रुपये
कानपुर, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय गंगा रिवर बेसिन प्राधिकरण (एनजीआरबीए) की टीम ने भी गंगा बैराज से जाजमऊ तक गंगा के तट को विकसित करने के लिए तैयार रिवर फ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर अपनी सहमति दे दी है। विश्वबैंक की टीम पहले ही अपनी सहमति दे चुकी है। इसी कड़ी में टीम ने दूसरे दिन केडीए अफसरों के साथ बने तीन सौ करोड़ रुपये के रिवर फ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को देखा। पहले चरण में नोडल एजेंसी केडीए से गंगा बैराज से भैरोघाट तक गंगा तट विकसित करने का प्रस्ताव मांगा है। साथ ही टीम ने बिठूर व गंगा बैराज के घाटों और बन रहे लोहिया पार्क को देखा।
टीम के तकनीकि सलाहाकार देवेंद्र सिंह ढकोला व रजत गुप्ता, जल निगम लखनऊ के हरीश चंद्र ने बुधवार को केडीए उपाध्यक्ष की अगुवाई में अफसरों के साथ बैठक की। इस प्रोजेक्ट की नोडल एजेंसी केडीए ने आईआईटी से तैयार कराया है। इस प्रोजेक्ट की सराहना विश्वबैंक के अध्यक्ष नगर के भ्रमण के दौरान कर चुके है। विश्वबैंक की टीम ने पहले ही अपनी सहमति दे दी है।
प्रोजेक्ट के तहत गंगा बैराज से जाजमऊ तक 11 किलोमीटर तक पाथ-वे और गंगा तट पर खाली पड़ी जमीन को पिकनिक स्पाट के रूप में विकसित किया जाएगा। टीम के सदस्यों ने केडीए अफसरों से कहा कि पहले चरण में गंगा बैराज से भैरोघाट तक प्रस्ताव तैयार कर भेजे। इसी कड़ी में टीम ने बिठूर और गंगा बैराज घाट का निरीक्षण किया। साथ ही गंगा बैराज में बने जा रहे लोहिया पार्क को देखा। टीम ने जल निगम के अभियंताओं के साथ बैठक की। इस दौरान जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूवल मिशन योजना में चल रहे कामों की जानकारी ली। साथ ही एनजीआरबीए में तैयार प्रोजेक्ट 4.43 करोड़ को देखा।