पार्टी नहीं राहुल के लिए कैडर की तलाश में कांग्रेस
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। चुनावी राजनीति की बिसात पर लगातार असफलताओं के कारण आलोचना के घेरे में खड़े कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अब संगठन चुनावों के जरिए पार्टी को साधने की तैयारी में हैं।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। चुनावी राजनीति की बिसात पर लगातार असफलताओं के कारण आलोचना के घेरे में खड़े कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अब संगठन चुनावों के जरिए पार्टी को साधने की तैयारी में हैं।
राहुल में कांग्रेस का भविष्य देख रही 'टीम राहुल' चुनावी चिंताओं से दूर पार्टी को 'राहुलमय' बनाने के मिशन में लग गई है। कांग्रेस के वर्तमान स्वरूप में राहुल को लेकर उठते विरोधी सुरों के बीच संगठन चुनावों को अवसर के रूप में देख रही इस टीम की मंशा पार्टी का 'डीएनए' बदलने की है। इस मुहिम को सफल बनाने की जिम्मेदारी संगठन चुनाव में अहम भूमिका क निभाने वाले महासचिवों को दी गई है।
इन महासचिवों की जिम्मेदारी अपने प्रभार वाले राज्यों में संगठन चुनाव के जरिये पार्टी उपाध्यक्ष के प्रति निष्ठावान कार्यकर्ताओं को आगे लाने की है। सूत्रों के मुताबिक राहुल के बेहद करीबी माने जाने वाले और उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान व गुजरात जैसे राज्यों के प्रभारियों को सूबों में संगठन चुनावों के दौरान उपाध्यक्ष के प्रति निष्ठा प्रकट करने वालों को पद से नवाजने के निर्देश दिए गए हैं।
दरअसल, हालिया चुनावी शिकस्त के बाद कमजोर होते आभामंडल और पार्टी में प्रियंका को लेकर मुखर होती आवाजों के बीच टीम राहुल को यह अहसास हो गया है कि राहुल की लंबी राजनीतिक पारी के लिए जमीनी लामबंदी जरूरी है। ऐसे में कांग्रेस को कैडर वाली पार्टी बनाने की वकालत कर रहे राहुल की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए 'टीम' ने नए राजनीतिक लक्ष्य को लेकर काम शुरू कर दिया है। मंगलवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षों की बैठक में आए कई नेताओं को भी पार्टी उपाध्यक्ष कार्यालय से इस बाबत संदेश दे दिया गया।
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