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राहुल गांधी ने बताया, क्‍यों 2014 में सत्‍ता से बेदखल हुई कांग्रेस

राहुल ने बताया कि नोटबंदी की वजह से जीडीपी में 2 फीसद की गिरावट आई। भारत में नई नौकरियां बिलकुल पैदा नहीं हो रही हैं।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 12 Sep 2017 08:26 AM (IST)Updated: Tue, 12 Sep 2017 06:14 PM (IST)
राहुल गांधी ने बताया, क्‍यों 2014 में सत्‍ता से बेदखल हुई कांग्रेस

कैलिफोर्निया, एएनआइ। अमेरिका दौरे पर गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बार्कली यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए देश के विकास को लेकर अपना नजरिया रखा और भारत की मौजूदा स्थिति पर भी असंतोष जाहिर किया। साथ ही राहुल गांधी ने माना कि साल 2012 के आसपास कांग्रेस दंभ में चूर थी, इसलिए काफी नुकसान उठाना पड़ा। इसके बाद पार्टी को पुनर्निर्माण की जरूरत है। 

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राहुल ने माना कि कांग्रेस के दिग्‍गज नेताओं ने गलतियां की थी। 2012 में एक निश्चित दंभ पार्टी में आ गया था और हमने जनता के साथ बातचीत करनी बंद कर दी थी। इसके बाद हमें पार्टी का पुनर्निर्माण करने की आवश्‍यकता थी, हमें एक ऐसा विजन तैयार करने की जरूरत है जो हमें आगे बढ़ने में मदद करे। देखिए, भाजपा इस समय जो कुछ भी कर रही है, वो सब हम पहले ही कह चुके हैं, जैसे कि मनरेगा और जीएसटी।

राहुल ने नोटबंदी के फैसले की जमकर निंदा की। उन्होंने कहा कि नोटबंदी लागू करने के लिए चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर या संसद की राय भी नहीं ली गई। राहुल ने बताया कि नोटबंदी की वजह से जीडीपी में 2 फीसद की गिरावट आई। भारत में नई नौकरियां बिलकुल पैदा नहीं हो रही हैं। वहीं आर्थिक विकास की रफ्तार भी नहीं बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था को लेकर किए गए कुछ गलत फैसलों की वजह से किसानों की आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही राहुल गांधी ने चेतावनी दी कि हाल में सरकार की ओर से लिए गए आर्थिक फैसलों से पूरी की पूरी अर्थव्यवस्था के पटरी से उतर जाने का खतरा है।

अतांकवाद के मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में आतंकियों की रीढ़ टूट गई थी। उन्‍होंने कहा, 'जम्‍मू-कश्‍मीर में हमारी सरकार ने आतंक का खत्‍मा करने के लिए काफी कदम उठाए। मैं 9 साल तक दृश्‍य के पीछे से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पी चिदंबरम, जयराम रमेश और अन्‍य नेताओं के साथ मिलकर मैं काम करता रहा। हमने जब कश्‍मीर में आतंकवाद को खत्‍म करने के लिए काम करना शुरू किया, तब आतंकी अनियंत्रित थे। हालात काफी खराब थे। हमने वहां शांति कायम कर दी थी। हमने आतंकवाद की रीढ़ तोड़ दी थी।'

राहुल गांधी ने दावा किया कि मोदी सरकार में सांप्रदायिक और ध्रुवीकरण करने वाली ताकतें मजबूत हो रही हैं। नोटबंदी और जल्दबाजी में जीएसटी लागू करने से देश की अर्थव्यवस्था का पटरी से उतरने का खतरा पैदा हो गया है। राहुल ने कहा कि लिबरल जर्नलिस्ट्स की हत्या की जा रही है, दलितों को पीटा जा रहा है, मुस्लिमों और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। अहिंसा का आइडिया आज खतरे में है। यही विचार है, जो मानवता को आगे ले जा सकता है। नफरत, गुस्सा और हिंसा हमें बर्बाद कर सकता है। ध्रुवीकरण की राजनीति बेहद खतरनाक है।

राहुल ने स्टूडेंट्स के सवालों का जवाब भी दिया। सिखों के साथ हिंसा को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी दादी सिखों से बेहद प्यार करती थीं और एक वक्त उनके घर में काफी सिख थे। राहुल ने कहा कि उन्होंने हिंसा की वजह से ही अपनी दादी और बाद में पिता को खोया है। ऐसे में अगर वह हिंसा के प्रभाव को नहीं समझेंगे तो कोई और क्या समझेगा? उन्होंने कहा कि वह लोगों को न्याय दिलाने और हिंसा के विरोध के लिए हमेशा खड़े हैं।

बार्कली यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की। उन्‍होंने कहा कि घाटी में पीडीपी राजनीति में युवाओं को लाने के मामले में आगे रही है, लेकिन जिस दिन से पीएम मोदी ने पीडीपी से गठबंधन किया, उन्होंने पार्टी को नुकसान पहुंचाया। राहुल ने मोदी की तारीफ करते हुए पीएम को खुद से बेहतर कम्यूनिकेटर बताया। कहा, 'पीएम मोदी एक अच्‍छे वक्‍ता हैं। वह अपनी बात को बहुत अच्‍छी तरह से लोगों को समझाते हैं। वह जानते हैं कि तीन-चार समूहों तक अपनी बात कैसे पहुंचानी और फिर वो संदेश बड़े समूह तक पहुंच जाती है।'

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