प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस की मुख्यधारा में लाने की मांग तेज
संप्रग तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पुत्री प्रियंका गांधी वाड्रा भले ही सक्रिय राजनीति में उतरने से इन्कार कर रही हों, लेकिन उनको पार्टी की मुख्यधारा में लाने के साथ ही कमान सौंपने की मांग तेज होती जा रही है। प्रियंका को पार्टी की कमान सौंपने की मांग को लेकर यूपी में इलाहाबाद से शुरू हुआ पोस्टर व होर्डिग अभियान कानपुर तक पहुंच गया है।
लखनऊ। संप्रग तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पुत्री प्रियंका गांधी वाड्रा भले ही सक्रिय राजनीति में उतरने से इन्कार कर रही हों, लेकिन उनको पार्टी की मुख्यधारा में लाने के साथ ही कमान सौंपने की मांग तेज होती जा रही है। प्रियंका को पार्टी की कमान सौंपने की मांग को लेकर यूपी में इलाहाबाद से शुरू हुआ पोस्टर व होर्डिग अभियान कानपुर तक पहुंच गया है।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार के बाद से ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा उपाध्यक्ष राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर कांग्रेस के नेता ही सवाल उठा रहे हैं। उधर, कुछ लोग को सोनिया तथा राहुल को एक-दो वर्ष तक विश्राम की सलाह भी दे रहे हैं। ऐसे में कांग्रेसी ही सोनिया गांधी की पुत्री प्रियंका गांधी को कांग्रेस की मुख्यधारा में लाने के लिए लामबंदी कर रहे हैं। इलाहाबाद में प्रियंका गांधी को कांग्रेस में सक्रिय होने की मांग को लेकर लंबे समय से पोस्टर तथा होर्डिग लग रहे हैं। अब कानपुर में भी हार्डिग तथा पोस्टर लगाकर प्रियंका से कांग्रेस की बागडोर संभालने का आग्रह किया गया है।
इलाहाबाद के सुभाष चौक पर लोकसभा चुनाव के पहले ही शहर के कुछ कांग्रेस नेता होर्डिग लगाकर प्रियंका गांधी को चुनाव की कमान संभालने का अनुरोध कर रहे थे। बीते मंगलवार को ही इलाहाबाद के सिविल लाइंस के सुभाष चौक चौराहे के साथ अन्य जगहों पर बैनर व होर्डिग के माध्यम से प्रियंका का ध्यान आकृष्ट कराने का प्रयास किया गया। इस बैनर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की खुली मांग है कि पार्टी नेतृत्व प्रियंका गांधी को आगे करे। इस बैनर में प्रियंका गांधी को लेकर खासा उत्साह दिखाया गया है। इसमें लिखे शब्द 'कांग्रेस का मून, प्रियंका इज कमिंग सून' से पता चलता है कि कांग्रेस कार्यकर्ता प्रियंका को लेकर कितने उत्साहित हैं।
शहर के कुछ युवा कांग्रसे नेता पहले भी प्रियंका गांधी के समर्थन में पोस्टर राग छेड़ चुके हैं। इन किसी भी हार्डिग, बैनर व पोस्टर में कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी को जगह नहीं दी है। लोकसभा चुनाव के बाद एक ओर जहां राहुल की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठे, तो प्रियंका को लाने की मांग जोर पकड़ने लगी। कांग्रेस नेताओं का कहना था कि अगर कांग्रेस को बचाना है तो प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में लाए बिना संभव नहीं है।
इलाहाबाद की तर्ज पर कानपुर में भी प्रियंका गांधी के समर्थन में शुक्रवार को जगह-जगह पर कांग्रेस के उत्साही कार्यकर्ताओं ने पोस्टर तथा होर्डिग लगा रखे थे। इन पर लिखा था कि 'लहर के बाद बूंदा-बांदी, अबकी बार प्रियंका गांधी'। यह सभी लोग कांग्रेस को अब प्रियंका गांधी के नेतृत्व में देखना चाह रहे हैं। एक कार्यकर्ता ने कहा कि देश गढ्डे में जा रहे है, कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व की ढीला पड़ा है। ऐसे में अब पार्टी की कमान प्रियंका गांधी को सौंप देनी चाहिए। कांग्रेस के नेता भी प्रियंका गांधी को बिग फाइटर मानते हैं। उनका मानना है कि प्रियंका में जनता से जुड़ने की 'स्वभाविक क्षमता' है। इन नेताओं का मानना है कि अब प्रियंका को अमेठी तथा रायबरेली से बाहर निकलकर नेतृत्व को मजबूत करना चाहिए।
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कल कानपुर में कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा के राजनीति में आने या नहीं आने का फैसला उनका निजी मामला है और उनके किसी भी कदम के बारे में फैसला गांधी परिवार करेगा। इसका निर्णय गांधी परिवार पर छोड़ना चाहिये और इस पर हमें बोलने का कोई अधिकार नहीं है।