कश्मीर मुद्दे पर कांग्रेस ने एनडीए को दिखाया लाल कार्ड
एनडीए सरकार की उपलब्धियों के जवाब में उसकी विफलताओं को उजागर करने की रणनीति के तहत कांग्रेस विषयवार सरकार की खिंचाई करने में जुटी है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। एनडीए सरकार के तीन साल के जश्न का जवाबी मुकाबला कर रही कांग्रेस ने देश की आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर सरकार को आडे़ हाथों लिया है। पार्टी ने कहा है कि भाजपा शासित राज्यों में निर्दोष लोगों को हकीकत जाने बिना फांसी पर लटका देना और पीट-पीटकर मार डालना देश के लिए नई सामान्य स्थिति हो गई है। असहिष्णुता और दलित उत्पीड़न की घटनाएं आम हो गई हैं तो नक्सली हिंसा बेकाबू हो रही है। जबकि कश्मीर की लगातार बिगड़ती हालत एनडीए सरकार की आंतरिक सुरक्षा पर सबसे बड़ी नाकामियों में एक है।
एनडीए सरकार की उपलब्धियों के जवाब में उसकी विफलताओं को उजागर करने की रणनीति के तहत कांग्रेस विषयवार सरकार की खिंचाई करने में जुटी है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने पार्टी की नियमित ब्रीफिंग में झारखंड, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और हरियाणा की हुई हाल घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि झारखंड में लहुलुहान युवक की तस्वीर गुजरात दंगों के एक चित्र की याद दिलाती है। उन्होंने कहा कि बिना आरोप के त्वरित न्याय देने का उदाहरण भाजपा शासित राज्यों में इस कदर सामने आ रहा कि लोकतांत्रिक सभ्य समाज में विश्वास रखने वाले हर शख्स का सिर शर्म से झुक जाएगा। राजस्थान में पहलू खान के गुनहगारों को बार-बार अनुरोध पर भी गिरफ्तार नहीं किया जाता।
सिंघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आए दिन तमाम मुद्दों पर बोलते हैं मगर कानून व्यवस्था खासकर भाजपा शासित प्रदेशों में जो कुछ हो रहा उस पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि असहिष्णुता और समाज में विद्वेष फैलाने वालों के खिलाफ आवाज उठाने वालों को राष्ट्रविरोधी करार देने की नई परिपाटी शुरू कर दी गई है। भाजपा सांसद परेश रावल की लेखिका अरूंधती राय के खिलाफ की गई टिप्पणी को सिंघवी ने इसी मानसिकता का एक उदाहरण बताया।
जम्मू-कश्मीर में हिंसा का दौर नहीं थमने के लिए केन्द्र और सूबे की पीडीपी-भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेस ने कहा कि वास्तव में कश्मीर पर एनडीए की कोई नीति ही नहीं दिख रही। सरकार आए दिन के हिसाब से नीतियां तय कर रही है जिसकी वजह से घाटी में हालात बेकाबू हैं। हुर्रियत और पाकिस्तान दोनों से वार्ता को लेकर भी सरकार की बार-बार यू टर्न समझ से परे है।
पीएम कभी खुद अचानक वार्ता के लिए पाक चले जाते हैं और फिर बात रुक जाती है। इसके बाद तीसरे देश में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मुलाकात करते हैं। सिंघवी ने कहा कि इस तरह की अस्पष्ट नीति से गलत संदेश जाता है और कश्मीर के हालात को लेकर पूरे देश के साथ विपक्ष चिंतित है। उन्होंने पुलवामा में पाकिस्तानी राष्ट्रगान गाने को बेहद गंभीर करार देते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। साथ ही कहा कि बीते 30 सालों में कश्मीर में ऐसे हालात नहीं थे जो आज हैं और इससे साफ है कि कश्मीर एनडीए की एक बड़ी नाकामी रही है।
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