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मोदी के विजय रथ को रोकने के लिए सोनिया गांधी बना रहीं ये रणनीति

इस बार विपक्षी पार्टिंयों के एकजुट होने का मंच बना है अागामी राष्‍ट्रपति चुनाव। ये राष्‍ट्रपति चुनाव सोनिया गांधी के एक्‍शन में लौटने का मौका भी कहा जा सकता है।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 26 Apr 2017 11:39 AM (IST)Updated: Wed, 26 Apr 2017 07:08 PM (IST)
मोदी के विजय रथ को रोकने के लिए सोनिया गांधी बना रहीं ये रणनीति
मोदी के विजय रथ को रोकने के लिए सोनिया गांधी बना रहीं ये रणनीति

नई दिल्‍ली, जेएनएन। देश की राजधानी दिल्‍ली एक बार फिर उसकी गवाह बनने जा रही है, जैसा साल 2004 में हुआ था। कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी इस समय पार्टी को फ्रंट से लीड करती नजर आ रही है। वहीं दूसरी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में भी अहम भूमिका निभाती नजर आ रही हैं। हालांकि बता दें कि इन दिनों सोनिया गांधी की तबीयत ठीक नहीं हैं। हाल ही में वह अमेरिका से कई टेस्‍ट कराने के बाद दिल्‍ली लौटी हैं।    

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गुजरात दंगों और पोटा के इस्तेमाल ने सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली यूपीए(बीस से ज्‍यादा पार्टियों का गठबंधन) को वाजपेयी शासन को पछाड़ने में अहम भूमिका निभाई थी। अब मोदी लहर में आगे बढ़ता भाजपा का रथ क्षेत्रीय पार्टियों के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गया है। ऐसे में क्षेत्रीय पार्टियां अपने अस्तित्‍व की रक्षा के लिए सोनिया गांधी के नेतृत्‍व वाली कांग्रेस के साथ गठबंधन को बेहतर विकल्‍प मान रही हैं। ऐसे में साल 2004 की यादें फिर ताजा हो गई हैं।

सोनिया गांधी के नेतृत्‍व वाली कांग्रेस को 1999 लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन सोनिया गांधी और उनकी टीम ने मौके को पहचाना और 2004 में गठबंधन (यूपीए) बनाया और अलग-अलग विचारधारा के होने के बावजुद पार्टियों को एकजुट किया। इसी गठबंधन ने तात्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसे प्रभावशाली और सफल नेता के 'इंडिया शाइनिंग अभियान' की चमक धीमा कर दिया। 

इस बार विपक्षी पार्टिंयों के एकजुट होने का मंच बना है अगामी राष्‍ट्रपति चुनाव। ये राष्‍ट्रपति चुनाव सोनिया गांधी के एक्‍शन में लौटने का मौका भी कहा जा सकता है, क्‍योंकि पिछले काफी समय से कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ही फ्रंट सीट पर बैठे नजर आ रहे थे। लेकिन ऐसा लग रहा है कि अब सोनिया गांधी ने फिर कमान अपने हाथों में थाम ली है।   

सोनिया गांधी इन दिनों राष्‍ट्रपति चुनाव में एनडीए को कड़ी चुनौती देने की रणनीति पर काम कर रही हैं। वह अन्‍य पार्टियों के नेताओं से चर्चा कर रही हैं, ताकि विपक्ष की ओर से एनडीए के सामने राष्‍ट्रपति चुनाव में एक मजबूत प्रतिद्वंदी विरोध दर्शाने के लिए मैदान में उतारा जा सके। इस बीच जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया से मुलाकात की। इस मुद्दे पर विभिन्न दलों को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाने वालीं सोनिया गांधी ने मौजूदा राजनीतिक सियासत पर उनसे चर्चा हुई।

पिछले दिनों सोनिया गांधी ने जदयू के नीतिश कुमार और सीपीएम के मुखिया सीताराम येचुरी से मुलाकात की। एनसीपी चीफ शरद पवार से टेलीफोन पर बात की। सीपीआइ के डी राजा को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। बताया जा रहा है कि सोनिया जल्‍द ही तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी, आरजेडी के लालू यादव और समाजवादी पार्टी के नेताओं से भी जल्‍द मुलाकात करेंगी। दरअसल, सोनिया गांधी विपक्ष को एकजुट कर एक बार फिर भाजपा के विजय रथ को रोकने की रणनीति बना रही हैं।

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