कांग्रेस नारायण राणे को थमा सकती है महाराष्ट्र की कमान, लेकिन...
नारायण राणे से कहा गया है कि अभी वह शांत हो जाएं। अगले दो-तीन महीने में उन्हें महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नियुक्त कर दिया जाएगा। दो महीने काफी लंबा समय होता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी में जल्द ही बड़े बदलाव होते नजर आ सकते हैं। महाराष्ट्र के पूर्व कांग्रेस मंत्री नारायण राणे को पार्टी की कमान थमाई जा सकती है। इस समय महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक च्वहाण हैं, जिनके नेतृत्व में निकाय चुनावों में पार्टी की परफॉर्मेंस काफी खराब रही थी।
हालांकि कुछ दिनों पहले ही यह खबर थी कि नारायण राणे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। राणे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी उनके घर मुलाकात की थी। ऐसा लग रहा है कि राणे को पार्टी से जोड़े रखने के लिए कांग्रेस उन्हें प्रदेश की कमान सौंपने के बारे में विचार कर रही है।
वैसे बता दें कि इन दिनों नारायण राणे कांग्रेस से खासे नाराज़ चल रहे हैं। पिछले दिनों इसी सिलसिले में उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी से भी मुलाक़ात की थी। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में उन्होंने महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चह्वाण की शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र कांग्रेस को सफलता दिलाने में हाल का नेतृत्व असफल रहा है। कोई भी नेता सड़क पर उतरकर काम करना नहीं चाहता। वहीं इससे पहले राणे के बेटे नीलेश राणे ने भी सचिव पद से इस्तीफा देने के बाद अशोक चव्हाण को निशाना बनाया था।
कांग्रेस के एक बड़े नेता ने टाइम्स ऑफ इंडिया को नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, 'नारायण राणे ने हाल ही में देवेन्द्र फडणवीस और अमित शाह से मुलाकात की है। लेकिन प्रदेश में जो पार्टी की स्थिति है, उसे देखते हुए नारायण राणे को नाराज नहीं किया जा सकता है। अगर राणे पार्टी छोड़ते हैं, तो काफी मुश्किल खड़ी हो सकती है।'
कांग्रेस नेता के मुताबिक, नारायण राणे से कहा गया है कि अभी वह शांत हो जाएं। अगले दो-तीन महीने में उन्हें महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नियुक्त कर दिया जाएगा। दो महीने काफी लंबा समय होता है। अब देखना यह है कि राणे इंतजार करते हैं या फिर जल्द ही भाजपा का दाम थाम लेते हैं। हालांकि इसकी संभावना ज्यादा नजर आ रही है कि राणे भाजपा के हो जाएं। दरअसल, कांग्रेस ने राणे से किया गया अपना पुराना वादा भी पूरा नहीं किया था। राणे साल 2005 में शिवसेना छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे। तब कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने राणे से वादा किया था कि अगले कुछ महीनों में उन्हें विलासराव देशमुख की जगह मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा। महीनों के बाद साल भी गुजर गए, लेकिन कांग्रेस ने राणे से किया गया अपना वादा पूरा नहीं किया।
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