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स्‍वामी की कांग्रेस को फटकार, कहा- भागवत के खिलाफ कांग्रेस ने रची थी साजिश

तथाकथित हिंदू टेरर से आरएसएस प्रमुख का नाम जोड़े जाने पर भाजपा नेता ने कांग्रेस को बुरी तरह फटकार लगाते हुए सोनिया व राहुल झूठी गवाही देकर भागवत के खिलाफ साजिश रच रहे थे।

By Monika minalEdited By: Published: Sat, 15 Jul 2017 02:31 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jul 2017 02:42 PM (IST)
स्‍वामी की कांग्रेस को फटकार, कहा- भागवत के खिलाफ कांग्रेस ने रची थी साजिश

नई दिल्‍ली (एएनआई)। राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत पर समूचे देश में तथाकथित हिंदू आतंक फैलाने का आरोप लगाने पर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को बुरी तरह फटकार लगायी है। कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता सुब्रह्मण्‍यम स्‍वामी ने शनिवार को कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी व पार्टी नेता पी चिदंबरम पर झूठा आरोप लगाने का मामला दर्ज कराने की बात कही।

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स्‍वामी ने एएनआई को बताया, ‘सरकार को सोनिया गांधी, राहुल गांधी व पी चिदंबरम के खिलाफ झूठी गवाही और साजिश रचने के लिए प्राथमिकी दर्ज करना चाहिए।‘ स्‍वामी ने कहा कि वे इस बात से पहले अवगत थे कि यूपीए सरकार भागवत को फंसाने के लिए उनके खिलाफ साजिश रच रही है। स्‍वामी ने आगे कहा कि अमेरिका के लश्‍कर ए तैयबा को अंतरराष्‍ट्रीय आतंकी संगठन घोषित करने के बावजूद कांग्रेस ने भागवत के खिलाफ नया नाम हिंदू आतंक पैदा कर दिया और इसके जरिए उन्‍हें फंसाने की साजिश रची।

स्‍वामी ने आगे बताया कि महात्‍मा गांधी हत्‍या मामले में भी इस तरह का ही रवैया कांग्रेस ने अपनाया था लेकिन उन्‍हें असफल होना पड़ा। उन्‍होंने बताया, ‘महात्‍मा गांधी मर्डर केस में भी ऐसा हुआ था लेकिन यह असफल हो गया। आरएसएस के खिलाफ प्रचार करने के लिए उन्‍होंने मीडिया कंट्रोल का उपयोग किया था। इसबार हम इसकी अनुमति नहीं देंगे। उन्‍हें किताब लाना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने भी कहा इस तरह की राष्‍ट्रवाद पार्टियों के सदस्‍य शुरुआत से ही हिट-लिस्‍ट में थे। हालांकि इस तरह से छवि को मलिन करने वाले लोगों की अतीत में भी पहचान हो गयी थी और अब भी उनका खुलासा हो जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, अजमेर और मालेगांव ब्लास्ट के बाद तत्कालीन यूपीए सरकार ने 'हिंदू आतंकवाद' थ्योरी दी थी। इसी के तहत मनमोहन सरकार मोहन भागवत को फंसाना चाहती थी। इसके लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के बड़े अधिकारियों पर दबाव डाला जा रहा था।

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