पीएम को घेरने की बड़ी तैयारी में जुटी कांग्रेस
जम्मू-कश्मीर में जारी हिंसा में हो रही मौतों से लेकर चीन व पाक से रिश्तों में बढ़ी खटास और नक्सल हिंसा के बीते तीन साल के तथ्यों के सहारे पार्टी ने सीधे-सीधे पीएम पर हमले की शुरुआत भी कर दी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सियासी वार की अपनी रणनीति में बदलाव का संकेत देते हुए अब सरकारी आंकड़ों के सहारे हमला बोलने का फैसला किया है। पार्टी ने प्रधानमंत्री के ही तमाम बयानों और मौजूदा हकीकत को भी तुलनात्मक रूप से पेश करेगी। जम्मू-कश्मीर में जारी हिंसा में हो रही मौतों से लेकर चीन व पाक से रिश्तों में बढ़ी खटास और नक्सल हिंसा के बीते तीन साल के तथ्यों के सहारे पार्टी ने सीधे-सीधे पीएम पर हमले की शुरुआत भी कर दी।
यूपीए सरकार के समय नरेंद्र मोदी के दिए गये बयानों का बकायदा तारीख के साथ उल्लेख करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मौजूदा सरकार देश की अब तक की सबसे बड़ी जुमलेबाज सरकार है। उनका कहना था कि कश्मीर के 35 महीनों के हालात के तथ्यों से जाहिर होता है कि सरकार की कथनी और करनी में भारी अंतर है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 35 महीने के कार्यकाल के दौरान घाटी की हिंसा में 91 नागरिकों और 198 जवानों की शहादत हुई है। जबकि उससे पहले यूपीए के 35 महीने में 50 नागरिक और 103 सुरक्षाकर्मी कश्मीर में मारे गए थे।
इसी तरह नक्सल हिंसा में देश में पिछले 35 माह में 442 नागरिकांे और 278 सुरक्षा बलों के जवान मारे गए हैं जो यूपीए के इससे पूर्व के 35 महीनों के 367 नागरिकों और 268 जवानों से कहीं ज्यादा हैं। जबकि पूर्वोत्तर राज्यों की हिंसा मे एनडीए के बीते 35 महीने के शासन में 344 लोगों और 99 जवानों की मौत हुई है। वहीं यूपीए के आखिरी 35 महीने में 227 नागरिक ं और 47 नागरिक मारे गए थे।
पीएम बनने से पहले मोदी के चीन को लेकर यूपीए सरकार के खिलाफ बेहद तीखे बयानों का जिक्र करते हुए सिंघवी ने कहा कि मोदी सरकार अब संसद में चीनी घुसपैठ को अतिक्रमण का नाम दे रही है। घुसपैठ को अतिक्रमण बताना शब्दों की बाजीगरी है। चीन से रिश्ते सुधरने की बजाय इसमें आयी खटास को जाहिर करने के लिए कांग्रेस प्रवक्ता ने हाफिज सईद को आतंकी घोषित करने से लेकर परमाणु आपूिर्त्तकता देशों के समूह में भारत की सदस्यता के मुखर विरोध के उदाहरण को गिनाया। अरुणाचल प्रदेश के छह इलाकों का चीनी नाम रखने को भी उन्होंने सरकार की कूटनीतिक विफलता करार दिया।
पाकिस्तान को लेकर कोई ठोस नीति नहीं होने को लेकर भी सिंघवी ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से डील करने की स्पष्ट नीति के चलते आतंकी हमले से लेकर संघर्ष विराम की घटनाओं में भारी इजाफा हुआ है। कांग्रेस नेता ने कहा कि 35 माह के मोदी सरकार के कार्यकाल में पाकिस्तान ने 1343 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है और आतंकी हमले की 172 घटनाएं हुई हैं। जबकि यूपीए के आखिरी 35 माह में संघर्ष विराम उल्लंघन की 470 घटनाएं और 85 आतंकी हमले हुए थे। सिंघवी ने कहा कि यह सारे तथ्य प्रमाणिक सरकारी आकंड़े हैं जो साबित करते हैं कि पीएम और सरकार दोनों की कथनी और करनी में भारी अंतर है।