पंद्रह दिन में हर शिकायत का निपटारा
संसद सत्र से ऐन पहले टीम अन्ना की कोशिशों की हवा निकालने और विपक्ष के तीरों को भोथरा करने की कोशिश सरकार ने शुरू कर दी है। टीम अन्ना के जन लोकपाल से बड़ी लकीर खींचने की कोशिश में सरकार ने आरटीआई की तर्ज पर जनता के शिकायत निवारण अधिकारों से संबंधित नया कानून लाने की घोषणा की है।
नई दिल्ली। संसद सत्र से ऐन पहले टीम अन्ना की कोशिशों की हवा निकालने और विपक्ष के तीरों को भोथरा करने की कोशिश सरकार ने शुरू कर दी है। टीम अन्ना के जन लोकपाल से बड़ी लकीर खींचने की कोशिश में सरकार ने आरटीआई की तर्ज पर जनता के शिकायत निवारण अधिकारों से संबंधित नया कानून लाने की घोषणा की है।
इस कानून में नियत समयसीमा 15 दिन में शिकायत का निवारण करना होगा। ऐसा न होने पर संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी को दंड का प्रावधान है। इसे पेश कर सरकार ने साफ कर दिया है कि यह कानून जन लोकपाल से ज्यादा प्रभावी और जनता के हितों से सीधे जुड़ा हुआ है। इससे न सिर्फ जनता की समस्याओं का त्वरित और प्रभावी समाधान हो सकेगा, बल्कि केंद्र व राज्यों के स्तर पर नई नौकरियों के रास्ते भी खुलेंगे।
नागरिक अधिकार शिकायत निवारण विधेयक 2011 का मसौदा सरकार ने बुधवार को सार्वजनिक बहस के लिए जारी कर दिया। इसमें केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा प्रदान की जाने वाली सभी सार्वजनिक सेवाओं को शामिल किया जा रहा है। जनता को समय पर सेवा उपलब्ध नहीं कराने पर दंड का भी प्रावधान किया गया है। इसके जरिए किसी भी सेवा से संबंधित जनता की शिकायतों का समयबद्ध निवारण किया जा सकेगा। पुलिस सेवाएं भी इस कानून के दायरे में आएंगी।
मसौदे को कार्मिक मंत्रालय की वेबसाइट पर डाल कर जनता से इस पर राय मांगी गई है। इस राय के आधार पर ही विधेयक तैयार किया जाएगा। जिसे कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
मसौदा सार्वजनिक करते हुए केंद्रीय कार्मिक मंत्री वी. नारायणसामी ने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि सरकार कोई कानून बनाने से पहले ही जनता से राय ले रही है। चूंकि यह जनता के अधिकारों से जुड़ा हुआ कानून है, इसलिए सरकार पहले ही जनता की राय लेना चाहती है।
सरकार इस कानून के जरिए टीम अन्ना को जन लोकपाल पर मिल रहे समर्थन को अपने पक्ष में मोड़ना चाहती है। यही वजह है कि सरकार इस बात पर पूरा जोर दे रही है कि वो ऐसे कानून बनाने के लिए कटिबद्ध है जो सीधे जनता के हितों से जुड़े हैं। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने इस मौके पर कहा भी कि यह कानून लोकपाल कानून से ज्यादा व्यापक होगा। मसौदा सार्वजनिक करने के बाद रमेश ने कहा कि लोकपाल नौकरशाही में उच्च पदों पर बैठे लोगों तक ही सीमित है। जबकि नागरिक अधिकार शिकायत निवारण विधेयक 2011 ब्लाक स्तर के अधिकारियों के भ्रष्टाचार को दूर करेगा।
जनता के हितों के लिए सरकार की चिंताओं पर रमेश ने कहा कि संप्रग सरकार ऐसे कानून ही बना रही है जो सीधे जनता की रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े हैं। जनता के अधिकारों को लेकर अब तक तीन अधिकार लागू किए जा चुके हैं। सूचना का अधिकार, रोजगार का अधिकार और शिक्षा का अधिकार। खाद्य सुरक्षा कानून आगामी शीतकालीन सत्र में संसद में पारित होने की उम्मीद है। इसके अलावा यह नागरिक अधिकार शिकायत निवारण विधेयक 2011 भी जल्द से जल्द संसद से पारित करवाने की सरकार कोशिश करेगी। लोकपाल विधेयक भी शीतकालीन सत्र में पारित होने की संभावना है। रमेश ने उम्मीद जताई कि संसद की स्थायी समिति जल्द ही इस पर अपनी रिपोर्ट दे देगी।
क्या कहता है कानून का मसौदा
-केंद्र व राज्यों की सभी सार्वजनिक सेवाएं कानून के दायरे में
-जन सेवाएं समवर्ती सूची का विषय
-सभी प्रदेशों में बनेंगे सिटीजन चार्टर
-सार्वजनिक प्राधिकरणों को छह माह में शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करने होंगे
-शिकायत का निवारण 15 दिन में करना होगा
-तय अवधि में निवारण नहीं होने पर शिकायत विभागाध्यक्ष के पास जाएगी
-विभागाध्यक्ष को 30 दिन में करना होगा शिकायत का निवारण
-केंद्र व राज्यों में होगा शिकायत निवारण आयोग का गठन
-समय पर शिकायत का निवारण नहीं होने पर दंड का प्रावधान
-सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान
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