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सर्द मौसम में चढ़ा सीएम का पारा

सर्द मौसम के बीच मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को पर्वतीय जिलों की तरफ रुख किया। चमोली जिले में बर्फबारी के चलते दुश्वारियां झेल रहे गावों में जिंदगी को पटरी पर लाने में अधिकारियों के उदासीन रवैये पर मुख्यमंत्री ने खरी-खरी सुनाई।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Mon, 22 Dec 2014 09:25 PM (IST)Updated: Mon, 22 Dec 2014 09:45 PM (IST)
सर्द मौसम में चढ़ा सीएम का पारा

जागरण संवाददाता, गोपेश्वर (चमोली): सर्द मौसम के बीच मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को पर्वतीय जिलों की तरफ रुख किया। चमोली जिले में बर्फबारी के चलते दुश्वारियां झेल रहे गावों में जिंदगी को पटरी पर लाने में अधिकारियों के उदासीन रवैये पर मुख्यमंत्री ने खरी-खरी सुनाई। उन्होंने ऊर्जा निगम को प्रभावित 630 गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए 31 दिसंबर तक की मोहलत दी है।

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साथ ही दो टूक चेताया कि विभागीय अधिकारी डीएम की अनुमति के बगैर मुख्यालय न छोड़ें। केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों पर सीएम जरूर संतुष्ट दिखे, उन्होंने निम के प्रयासों की तारीफ की। साथ ही यहां कार्य कर रहे सभी श्रमिकों को सौ रुपये अतिरिक्त मेहनताना देने और विभागीय कर्मचारियों को पांच हजार रुपये विशेष भत्ता देने का प्रस्ताव करने के निर्देश दिए।
बताते चलें कि पिछले दिनों हुई बर्फबारी से पर्वतीय इलाकों में तमाम परेशानियां खड़ी हो गई हैं। करीब डेढ़ हजार गांव इससे प्रभावित हैं। रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के सौ से ज्यादा गांवों के लोग एक तरह के घरों में कैद हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री ने केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लेने के साथ ही चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर में बर्फबारी से प्रभावित गांवों में हो रहे राहत कार्यों की समीक्षा की।
बैठक में चमोली के जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन ने प्रभावित 1121 गांवों की स्थिति रखी। सड़क, पानी, बिजली और दूसरी बुनियादी सुविधाएं बहाल करने की दिशा में हो रहे प्रयासों की गति से सीएम नाखुश दिखे। उन्होंने अफसरों के पेच कसने के साथ ही बिना अनुमति मुख्यालय न छोडऩे की हिदायत दी। ऊर्जा निगम को प्रभावित 630 गांवों में इस महीने के आखिर तक विद्युत आपूर्ति सुचारु करने का समय दिया है। पेयजल की समीक्षा के दौरान सीएम ने अमृतगंगा पेयजल योजना में लेटलतीफी पर फटकार लगाई। इस पर खर्च धनराशि मेंं घपले की शिकायत पर जांच बैठाई। साथ ही योजना के दिए दो करोड़ रूपये और देने की घोषणा की।
इससे पहले सीएम सुबह पौने दस बजे कड़ाके की सर्दी के बीच हेलीकाप्टर से केदारनाथ पहुंचे। पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लेने के साथ ही उन्होंने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्राचार्य कर्नल अजय कोठियाल से व्यावहारिक दिक्कतों पर विस्तार से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने निम श्रमिकों की पीठ पर भी थपथपाई। सीएम ने जिलाधिकारी को निम को आ रही दिक्कतों को प्राथमिकता से दूर करने के निर्देश दिए। करीब बीस मिनट वह यहां रहे, उनके साथ डीएम डा राघव लंगर भी थे।

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