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तीन और क्षेत्रों में चीन ने लांघी थी सीमा

चीनी सैनिक काफी पहले से योजना बनाकर, पूरी तैयारी के साथ भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे। यूएवी और अन्य निगरानी साधनों से हासिल तस्वीरों के मुताबिक, चीनी सेना ने दौलत बेग ओल्डी के अलावा अन्य तीन क्षेत्रों में भी सैनिकों को आगे बढ़ाया था। हालांकि बढ़ते दबाव के कारण कदम खींच लिए। इस बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 1

By Edited By: Published: Sat, 04 May 2013 08:31 AM (IST)Updated: Sat, 04 May 2013 10:57 AM (IST)
तीन और क्षेत्रों में चीन ने लांघी थी सीमा

नई दिल्ली। चीनी सैनिक काफी पहले से योजना बनाकर, पूरी तैयारी के साथ भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे। यूएवी और अन्य निगरानी साधनों से हासिल तस्वीरों के मुताबिक, चीनी सेना ने दौलत बेग ओल्डी के अलावा अन्य तीन क्षेत्रों में भी सैनिकों को आगे बढ़ाया था। हालांकि बढ़ते दबाव के कारण कदम खींच लिए। इस बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 19 दिनों से लगे चीनी तंबुओं को उखड़वाने के प्रयासों को अंजाम तक पहुंचाने की सरकार ने तैयारी कर ली है।

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सतत कूटनीतिक संपर्क के साथ ही पुख्ता सैन्य रणनीति के दोहरे फार्मूले के साथ अगले कुछ दिनों में समाधान का प्रयास हो रहा है। कवायद है कि विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के 9 मई के बीजिंग दौरे से पहले चीनी सेना भारतीय हद से हट जाए। सूत्रों के मुताबिक यूएवी तस्वीरों से पता चला है कि पूर्वी लद्दाख में घुसपैठ के साथ ही चीनी सेना नजदीक के तीन अन्य क्षेत्रों में भी भारतीय हद में दाखिल हुई थी। हालांकि बाद में राकी नाला क्षेत्र में आमने-सामने की स्थिति और मसले पर बढ़े दबाव के बाद चीन ने अपने फौजी दस्ते पीछे हटा लिए। उधर, लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में चीन के सैनिकों की घुसपैठ को लेकर सरकार और संगठन के बीच शीर्ष स्तर पर हुए संवाद में भी इस बात पर एक राय थी कि हर हाल में पहले चीनी तंबू हटवाए जाएं।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक चीन के साथ लगातार संवाद और संपर्क की खिड़कियां खुली रखने की कूटनीतिक कोशिशें अभी तक कामयाब रही हैं। लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो सरकार सैन्य विकल्पों को अजमाने में पीछे नहीं हटेगी। इस मामले पर रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार व तीनों सेना प्रमुखों के बीच विचार हो चुका है।

सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह भी उपलब्ध विकल्पों की जानकारी सरकार को दे चुके हैं। भारतीय रणनीति में प्राथमिकता फिलहाल कूटनीतिक विकल्पों को ही दी जा रही है। इसमें चीन के खिलाफ तिब्बत के मुद्दे को हवा देने जैसी आक्रामक कूटनीतिक विकल्प शामिल हैं। हालांकि चीन के सवाल पर विदेश मंत्री खुर्शीद ने शुक्रवार को ईरान यात्र पर जाने से पहले इतना ही कहा, इसका जल्द हल निकल जाएगा। साथ ही कहा,फिलहाल उनकी यात्रा कार्यक्रम की समीक्षा नहीं हुई है। कल क्या होगा,अभी वह कुछ नहीं कह सकते। खुर्शीद को 9-10 मई को बीजिंग जाना है। उनके इस दौरे की पुष्टि चीन के विदेश मंत्रलय ने भी शुक्रवार को कर दी।

महत्वपूर्ण है कि 15 अप्रैल को लद्दाख क्षेत्र में दाखिल हुए चीनी सैनिक राकी नाला क्षेत्र में जमे हैं। सैन्य सूत्रों के मुताबिक इस दौरान सीमा पर शांतिपूर्ण तरीके से आमने-सामने की स्थिति है। भारत और चीन के सैनिक एक दूसरे को वापसी का बैनर दिखाते हुए आमने-सामने जमे हैं।

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