भारत के खिलाफ चीन-पाक की साजिश! ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी का पानी रोका
चीन ने एक बार फिर ब्रह्मपुत्र नदी पर पावर प्रोजेक्ट बनाकर भारत के लिए मुश्किलें खड़ी करने की कोशिश कर रहा है।
बीजिंग (पीटीआई)। चीन ने तिब्बत में अपने सबसे बड़े हाइड्रो प्रोजेक्ट के लिए तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी की एक सहायक नदी को बंद कर दिया है। भारत के लिए यह गंभीर चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि चीन के इस कदम से भारत के असम, सिक्कम और अरुणाचल प्रदेश में पानी की आपूर्ति में कमी आ सकती है।
चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, ब्रह्मपुत्र नदी पर बन रहे चीन के इस हाइड्रो प्रोजेक्ट पर करीब 740 मिलियन डॉलर की लागत आएगी। इसी के चलते चीन ने इस नदी को रोक दिया है। यह प्रोजेक्ट तिब्बत के जाइगस में है जो सिक्किम के नजदीक पड़ता है। जाइगस से ही ब्रह्मपुत्र नदी अरुणाचल में बहते हुए प्रवेश करती है।
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चीन यह हरकत ऐसे समय में कर रहा है जब भारत ने उड़ी में सेना मुख्यालय में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से सिंधु जल समझौते पर समीक्षा करने का फैसला किया है। ऐसे में चीन का यह नया रूख इस आशंका को जन्म देता देता है कि कहीं वह पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत पर दवाब बनाने की कोशिश तो नहीं कर रहा है। हालांकि चीन ने भारत-पाक के बीच चल रहे तनाव को लेकर किसी का पक्ष नहीं लिया है और बातचीत से मामले का हल निकालने की अपील की है।
इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य जून 2014 में शुरू हुआ था और 2019 में इसका निर्माण कार्य पूरा होना है। इसी साल मार्च में जल संसाधन राज्य मंत्री सांवर लाल जाट ने कहा था कि भारत ने इस निर्माण से भारत पर पड़ने वाले प्रभाव पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए चीन से बात की है। हालांकि दोनों देशों के बीच कोई जल संधि नहीं है, लेकिन दोनों देशों ने सीमा की तरफ बहने वाली नदियों को लेकर विशेष स्तर का एक मैकेनिज्म तैयार किया है।
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ब्रह्मपुत्र नदी का पानी असम, सिक्कम और अरुणाचल प्रदेश में पहुंचता है। एक सहायक नदी को बंद किए जाने से इन राज्यों में पानी की आपूर्ति में कमी आ सकती है। इससे पहले पाकिस्तान यह धमकी दे चुका है कि अगर भारत ने सिंधु नदी का पानी रोका तो वह चीन के जरिए ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रुकवा देगा।