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पीएम मोदी अौर ट्रंप की भेंट पर चीन को लगी मिर्ची, जनिए- क्यों बौखलाया

ट्रंप पहले भी इशारा कर चुके हैं कि दक्षिण एशिया में वह भारत को प्रमुख साझेदार मानते हैं। ऐसे में भारत और अमेरिका के मजबूत संबंधों से चीन को मिर्ची लगना लाजमी है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 26 Jun 2017 11:25 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jun 2017 02:27 PM (IST)
पीएम मोदी अौर ट्रंप की भेंट पर चीन को लगी मिर्ची, जनिए- क्यों बौखलाया
पीएम मोदी अौर ट्रंप की भेंट पर चीन को लगी मिर्ची, जनिए- क्यों बौखलाया

नई दिल्ली। भारतीय प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की बहुप्रतीक्षित मुलाकात आज होने जा रही है। इससे ठीक पहले चीनी विदेश मंत्री ने अमेरिका और भारत को दक्षिण चीन सागर में शांति और स्थिरता में दखल न देने की बात कही है।

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इस बयान से चीन की बौखलाहट का अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह भारत और अमेरिका के बीच प्रगाढ़ संबंधों, खासतौर पर सुरक्षा मसलों पर होने वाले समझौतों को लेकर बौखलाया है। उसे लगता है कि इससे एशिया प्रशांत क्षेत्र में वह अपनी मनमानी नहीं कर पाएगा। ट्रंप पहले भी इशारा कर चुके हैं कि दक्षिण एशिया में वह भारत को प्रमुख साझेदार मानते हैं। ऐसे में भारत और अमेरिका के मजबूत संबंधों से चीन को मिर्ची लगना लाजमी है।

अमेरिका ने भारत को बताया सच्चा दोस्त

भारत और अमेरिका रिश्तों की नई इबारत लिखने जा रहे हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाशिंगटन पहुंचते ही उन्हें सच्चा दोस्त बताकर इसकी नींव रख दी है। ट्रंप ने ट्वीट कर यह भी बताया कि मोदी से उनकी बातचीत रणनीतिक मुद्दों पर होगी। जवाब में मोदी ने गर्मजोशी भरे व्यक्तिगत स्वागत के लिए ट्रंप का धन्यवाद किया और सोमवार को व्हाइट हाउस में होने वाली बैठक और वार्ता के प्रति उत्सुकता जाहिर की। मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में रविवार सुबह अमेरिका पहुंचे। यह प्रधानमंत्री के रूप में उनकी पांचवी अमेरिका यात्रा है।

कई जरूरी मसलों पर होगी बातचीत

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने बताया, 'बैठक के दौरान, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, भारत-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा साझेदारी, वैश्विक सहयोग, व्यापार, कानून के कार्यान्वयन और ऊर्जा समेत कई मसलों पर बातचीत होगी।' दरअसल, सोमवार को दोनों नेता पहली बार कई घंटे साथ व्यतीत करेंगे। इस दौरान दोनों नेताओं की अकेले बातचीत, प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक, रिसेप्शन और व्हाइट हाउस में वर्किग डिनर का कार्यक्रम है। मोदी के लिए आयोजित किया जाने वाला वर्किग डिनर वर्तमान अमेरिकी प्रशासन की ओर से आयोजित अपनी तरह का पहला आयोजन है।

व्हाइट हाउस में पीएम मोदी का डिनर होगा खास

व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया, 'व्हाइट हाउस इस यात्रा को खास बनाने के प्रति बेहद उत्सुक है। हम वास्तव में बेहद गर्मजोशी से स्वागत करना चाहते हैं। इस प्रशासन के तहत किसी विदेशी गणमान्य अतिथि के लिए यह पहला डिनर होगा। इसलिए हमें लगता है कि इसका खासा महत्व है।

भारतीयों ने दिखाया उत्साह
इससे पहले मोदी के विल्लार्ड इंटर कॉन्टीनेंटल होटल पहुंचने पर उनका वहां इंतजार कर रहे भारतीय समुदाय के लोगों ने जयकारों और तालियों से स्वागत किया। मोदी इसी होटल में ठहरे हुए हैं।

वार्ता पर कई देशों की नजर
मोदी-ट्रंप वार्ता पर दुनिया के कई देशों की नजर है। इनमें रूस से लेकर जापान तक, चीन से लेकर फ्रांस तक और पाकिस्तान से लेकर अफगानिस्तान तक के देश शामिल हैं।

यह भी पढ़ेंः जानिए, पीएम मोदी की यूएस यात्रा पर क्यों लगी है चीन और पाक की निगाहें


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