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Supreme Court: मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने वकीलों को दी नसीहत कहा,-कोर्ट रूम में पहने मास्क

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने वकीलों को कोर्ट रूम में फेस मास्क पहनने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि कोर्ट में भी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं जिसके कारण कर्मचारी और जज संक्रमति हो रहे हैं।

By Sonu GuptaEdited By: Published: Thu, 11 Aug 2022 03:55 PM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2022 03:55 PM (IST)
Supreme Court: मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने वकीलों को दी नसीहत कहा,-कोर्ट रूम में पहने मास्क
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कोर्ट रूम में वकीलों को मास्क पहनने की सलाह दी है।( फाइल फोटो)

नई दिल्ली, एजेंसी। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने गुरुवार को वकीलों को कोर्ट रूम में फेस मास्क पहनने की सलाह दी। उन्होंने कहा है कि कोर्ट में भी कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिसके कारण कर्मचारी और जज COVID-19 संक्रमण से संक्रमित हो रहे हैं।

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वकीलों को मास्क पहनने की नसीहत

मुख्य न्यायाधीश रमना ने कोर्ट की कार्यवाही शुरू करने से पहले वकीलों से कहा, 'कृप्या आप मास्क पहने। हमारे कई सारे कर्मचारी और सहकर्मी (colleagues) पहले ही COVID-19 संक्रमण से संक्रमित हो गए हैं।' चुनावी रेवड़ियों पर एक जन हित याचिका की सुनवाई के दौरान पीठ में न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी भी शामिल थे। उन्होंने भी वकीलों से मास्क पहनने को कहा।

सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस दौरान कहा कि मैं कोरोना से संक्रमित हो गया था, लेकिन जांच के बाद अब मैं नेगेटिव हो गया हूं। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी कोरोना संक्रमण से संक्रमित हो गए हैं। इस पर मुख्य न्यायाधीश रमना ने चिंता जाहिर करते हुए उनके जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना की।

चुनावी रेवड़ियों पर चल रही है सुनवाई

राजनीतिक पार्टियों द्वारा चुनाव में मुफ्त की रेवड़ी बांटने से संबंधित मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने कहा है कि चुनावों में राजनीतिक पार्टियों के द्वारा चुनावी रेवड़ी देने का वादा बेहद गंभीर मुद्दा है। कोर्ट ने इसपर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मुफ्त रेवड़ियों पर सरकारी खजाने से खर्च की जाने वाली राशि का उपयोग बुनियादी ढांचों के लिए किया जाना चाहिए।

कोर्ट पहले भी जता चुका है नाराजगी

राजनीतिक पार्टियों के द्वारा वोट के लिए मुफ्त रेवड़ी बांटने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट पहले भी चिंता जाहित कर चुका है। इस मामले पर तीन अगस्त को सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि चुनावी वादे में मुफ्त के रेवड़ी बांटने से इसका सबसे ज्यादा प्रभाव सरकारी खजाने पर पड़ता है। कोर्ट ने सरकार और चुनाव आयोग से इस प्रकार की योजनाओं पर रोक लगाने को कहा था।


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