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SC में दलील 'निर्भया मामले के अभियुक्तों पर मुकदमा गलत धारणाओं पर आधारित'

अवकाश के बावजूद न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ शनिवार को इस मामले की सुनवाई कर रही थी।

By Atul GuptaEdited By: Published: Sun, 04 Dec 2016 01:12 AM (IST)Updated: Sun, 04 Dec 2016 01:20 AM (IST)

नई दिल्ली, प्रेट्र । दिल्ली के 16 दिसंबर, 2012 के निर्भया गैंग रेप मामले में वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि अभियुक्तों पर मुकदमा गलत धारणाओं पर आधारित है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस बात को साबित कर पाने में नाकाम रही कि उनमें से प्रत्येक के बीच 'साजिशपूर्ण संबंध' थे।

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अवकाश के बावजूद न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ शनिवार को इस मामले की सुनवाई कर रही थी। वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े को दो अभियुक्तों विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह की अपील में सुप्रीम कोर्ट की सहायता के लिए नियुक्त किया गया है। जबकि एक अन्य वकील राजू रामचंद्रन को अभियुक्त मुकेश और पवन की अपील में शीर्ष अदालत की मदद के लिए नियुक्त किया गया है।

अपनी दलीलें देते हुए हेगड़े ने कहा कि अभियोजन की कहानी में सुबूतों का अभाव है। उन्होंने कहा कि अपराध करने के लिए साजिशकर्ताओं के इतना बड़ा फैसला (पीडि़ता की हत्या) लेने के लिए उनके विचार मिलने ही चाहिए। अभियोजन को यह साबित करना होगा कि परिस्थितियोंवश दो या अधिक लोगों में ऐसी निर्णायक सहमति बन गई थी। हेगड़े ने कहा कि निचली अदालत इस मामले में सही थी कि अभियुक्तों का साझा उद्देश्य 'मस्ती' करने का ही था, जो पीडि़ता के साथ दुष्कर्म में तब्दील हो गया था। लेकिन किसी साक्ष्य से यह साबित नहीं होता कि पीडि़ता की हत्या उनका साझा मकसद था।

पढ़ें- निर्भया गैंगरेप केस : 5 दिसंबर को भी जारी रहेगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई


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