Move to Jagran APP

सीबीआइ प्रमुख के तोते उड़े, सुप्रीम कोर्ट ने 2जी मामले की जांच से हटाया

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा को सेवानिवृत्ति से महज 12 दिन पहले 2जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच से हटाकर बड़ा झटका दिया है। शीर्ष अदालत ने माना है कि सिन्हा पर लगाया गया 2जी मामले को प्रभावित करने का आरोप विश्वसनीय है।

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Fri, 21 Nov 2014 04:14 AM (IST)Updated: Fri, 21 Nov 2014 07:59 AM (IST)
सीबीआइ प्रमुख के तोते उड़े, सुप्रीम कोर्ट ने 2जी मामले की जांच से हटाया

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा को सेवानिवृत्ति से महज 12 दिन पहले 2जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच से हटाकर बड़ा झटका दिया है। शीर्ष अदालत ने माना है कि सिन्हा पर लगाया गया 2जी मामले को प्रभावित करने का आरोप विश्वसनीय है। यह पहला मौका है जब देश की प्रमुख जांच एजेंसी के मुखिया को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किसी मामले की जांच से हटाया गया, वह भी जांच को प्रभावित करने के आरोप पर। यह आदेश सीबीआइ की साख पर भी बïट्टा है, जिसे सुप्रीम कोर्ट पहले ही पिंजरे में कैद तोता बता चुकी है।

loksabha election banner

चारा घोटाले से भी हटाए गए थे

सीबीआइ अधिकारी के तौर पर सिन्हा के करियर में यह दूसरा मौका है जब अदालत के आदेश पर उन्हें संवेदनशील जांच से अलग किया गया। इससे पहले पटना हाई कोर्ट ने उन्हें चारा घोटाले की जांच से हटा दिया था। तब सिन्हा डीआइजी थे। खास बात है कि सिन्हा पर ऐसा ही आरोप कोयला घोटाले में भी लगाया गया है, जिस पर सुनवाई लंबित है।

आरोपियों से मिलने का आरोप

2जी घोटाले में याचिकाकर्ता एनजीओ सीपीआइएल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सिन्हा पर जांच को प्रभावित करने और अभियुक्तों से मुलाकात करने का आरोप लगया था। एनजीओ के वकील प्रशांत भूषण ने आरोप के समर्थन में सीबीआइ के दस्तावेज और फाइल नोटिंग के अलावा सिन्हा के घर का आगंतुक रजिस्टर भी सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था।

नंबर टू को जांच का जिम्मा

मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू के नेतृत्व वाली पीठ ने सिन्हा को 2जी मामले की जांच से अलग होने का आदेश देते हुए व्यवस्था दी कि सिन्हा के बाद दूसरे नंबर का वरिष्ठतम अधिकारी जांच का कामकाज देखेगा।

...तो खत्म हो जाता केस

विशेष लोक अभियोजक आनंद ग्रोवर ने जांच में सिन्हा की भूमिका पर अंगुली उठाते हुए कहा, सीबीआइ निदेशक ने मामले को प्रभावित करने की कोशिश की। उनका रुख सीबीआइ के रुख के खिलाफ था। अगर सिन्हा की बात मानी गई होती तो सीबीआइ का केस ही खत्म हो जाता।

उजागर नहीं होगा व्हिसिल ब्लोअर का नाम

प्रशांत भूषण को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रंजीत सिन्हा के खिलाफ आरोप को लेकर लोक प्रहरी (व्हिसिल ब्लोअर) का नाम उजागर करने का गत 15 सितंबर का अपना आदेश वापस ले लिया। भूषण ने अपनी मजबूरी जताते हुए कहा था कि वे व्हिसिल ब्लोअर का नाम नहीं बता सकते क्योंकि ऐसा करने से उसकी जान को खतरा हो सकता है। जबकि, सिन्हा के वकील विकास सिंह व्हिसिल ब्लोअर का नाम उजागर किए बगैर मामले में सुनवाई का विरोध कर रहे थे।

भेदिया नहीं रस्तोगी

सुप्रीम कोर्ट ने सिन्हा की ओर से सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारी संतोष रस्तोगी पर लगाए गए भेदिया होने के आरोप को नकारते हुए उन्हें क्लीनचिट दे दी। वरिष्ठ वकील केके वेणुगोपाल ने भी इस आरोप पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा, इस तरह के निराधार आरोप लगाकर किसी अधिकारी का करियर खराब नहीं किया जा सकता। अगर सीबीआइ निदेशक के पास अधिकारी के खिलाफ कोई सुबूत हो तो वे पेश करें। सिन्हा के वकील ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में संतोष रस्तोगी को भेदिया बताते हुए आरोप लगाया था कि रस्तोगी ने ही भूषण को सूचनाएं और दस्तावेज दिए होंगे।

सीबीआइ संयुक्त निदेशक को फटकार

सुनवाई के दौरान सीबीआइ अधिकारियों की मौजूदगी पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा एतराज और नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने सीबीआइ के संयुक्त निदेशक अशोक तिवारी को आड़े हाथ लेते हुए कहा, आप सीबीआइ निदेशक के एजेंट नहीं हैं और न ही उनके प्रवक्ता। दफ्तर जाकर अपना काम करें, यहां रहने की जरूरत नहीं है। इसके बाद कोर्ट में मौजूद सीबीआइ के आठ अधिकारी बाहर निकल गए।

मैंने नहीं लिया किसी का नाम

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रंजीत सिन्हा ने सीबीआइ मुख्यालय में अपने करीबी अधिकारियों और कानूनी विशेषज्ञों के साथ राय-मशविरा किया। बाद में सिन्हा ने पत्रकारों से कहा कि वह अदालत के आदेश का पालन करेंगे। सिन्हा ने डीआइजी संतोष रस्तोगी का नाम भेदिये के रूप में उजागर करने से खुद को अलग करते हुए कहा, मैंने किसी का नाम नहीं लिया।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियां

''जांच की निष्पक्षता और सीबीआइ की साख कायम रखने के लिए यह आदेश दिया जा रहा है।''

''मामले को प्रभावित करने और आरोपियों से मुलाकात के आरोप प्रथम दृष्टया सही प्रतीत होते हैं।''

पढ़ेंः सिन्हा के खिलाफ आरोपों पर प्रशांत भूषण कायम पढ़ेंः चिदंबरम बोले, अच्छा होता 2 जी में अड़ गए होते मनमोहन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.