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मणिपुर: राष्ट्रीय राजमार्ग खुलवाने के लिए केंद्र ने भेजे 4 हजार अतिरिक्त बल

यूनियन नगा कौंसिल (यूएनसी) ने आर्थिक नाकेबंदी के तहत 1 नवंबर से मणिपुर की जीवन रेखा कहे जाने वाले एनएच-2 को जाम कर रखा है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Mon, 26 Dec 2016 06:49 PM (IST)Updated: Mon, 26 Dec 2016 08:08 PM (IST)

नई दिल्ली, प्रेट्र : पिछले कई दिनों से हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर में हालात सामान्य करने के लिए केंद्र ने पूरी तरह से कमर कस लिया है। इसके लिए उसने केंद्रीय बलों के चार हजार और जवानों को इंफाल भेजा है। इसको लेकर केंद्र इस अशांत राज्य में प्रशासन की मदद के लिए अब तक 17,500 जवान तैनात कर चुका है।

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गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, 'हमारी पहली प्राथमिकता मणिपुर को नगालैंड से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-2 (एनएच-2) को खुलवाना है।' उक्त अधिकारी ने कहा, 'पहली नवंबर से जारी जाम के शिकार एनएच-37 को खुलवा दिया गया है। अब हम जल्द से जल्द एनएच-2 खुलवाना चाहते हैं।'

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दरअसल यूनियन नगा कौंसिल (यूएनसी) ने आर्थिक नाकेबंदी के तहत 1 नवंबर से मणिपुर की जीवन रेखा कहे जाने वाले एनएच-2 को जाम कर रखा है। इससे राजधानी इंफाल सहित राज्य के अन्य हिस्सों में आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं की जबरदस्त किल्लत हो गई है। यूएनसी की इस कार्रवाई के खिलाफ इंफाल सहित मणिपुर के अन्य हिस्सों के लोग सड़कों पर उतर आए और जमकर हिंसा हुई।

कफ्र्यू के बावजूद हालात बेकाबू होते देख केंद्र को हस्तक्षेप करना पड़ा। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री इबोबी सिंह को कड़ी फटकार लगाई। शुक्रवार को गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने भी राज्य सरकार को कड़ा संदेश दिया। कहा कि जाम खुलवाने में राज्य सरकार असफल साबित हुई है। एनएच-2 की आर्थिक नाकेबंदी को जल्द खत्म कराना होगा।

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