कोल ब्लाक आवंटन पर केंद्र ने दाखिल किया हलफनामा
निजी कंपनियों को कोयला ब्लाक आवंटन को लेकर केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। इसमें बताया गया है कि 1
नई दिल्ली। निजी कंपनियों को कोयला ब्लाक आवंटन को लेकर केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। इसमें बताया गया है कि 1992 से कोयला ब्लाकों की पहचान और उनके आवंटन की नीति में कई तरह के बदलाव हुए हैं। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि सीआइएल से जुड़े कोयला ब्लाकों का निजी कंपनियों को आवंटन किस तरीके से किया गया। इसके जवाब में यह हलफनामा दाखिल किया गया।
24 पेज के हलफनामे में केंद्र सरकार ने बताया कि कोयला ब्लाकों को लेकर कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) राज्य सरकारों की पट्टेदार है। 1973 में प्राकृतिक स्रोतों के राष्ट्रीयकरण के बाद इसे अधिकृत किया गया है। कोयला ब्लाकों की पहचान का कार्य सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड (सीएमपीडीआइएल) के जिम्मे है। जबकि आवंटन सीआइएल की ओर से किया जाता है। इस कारण कोयला ब्लाकों के आवंटन में सीआइएल के हितों को ध्यान में रखा जाता है। इसमें आगे कहा गया है कि 1993 से शुरू हुए निजी कंपनियों को आवंटन से जुड़े कुछ दस्तावेजों को वह पेश करने में सरकार विफल रही।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि यदि इन कोयला ब्लाकों की पहचान और आवंटन सीएमपीडीआइएल और सीआइएल के अधिकार क्षेत्र में आता है तो फिर कैसे अन्य कंपनियों को आवंटन किया गया। कोर्ट ने ब्लाक की पहचान से जुड़ी सीएमपीडीआइएल की सभी पुस्तिकाएं पेश करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर दायर जनहित याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई हो रही है, जिसमें कोयला ब्लाकों के आवंटन को रद करने की मांग की गई है।
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