केंद्रीय जल बोर्ड ने पानीपत को दी क्लीनचिट
यमुना नदी में बढ़ी अमोनिया की मात्रा को लेकर हरियाणा और दिल्ली के बीच चल रहा शीतयुद्ध आंकड़ों की बाजीगरी में उलझ गया है। राज्य पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बकायदा गुरुवार को केंद्रीय जल आयोग नई दिल्ली से जनवरी माह की रिपोर्ट मंगा ली। रिपोर्ट में प्रदेश को क्लीनचिट दी गई है। जल आयोग की रिप
पानीपत [अरुणेश]। यमुना नदी में बढ़ी अमोनिया की मात्रा को लेकर हरियाणा और दिल्ली के बीच चल रहा शीतयुद्ध आंकड़ों की बाजीगरी में उलझ गया है। राज्य पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बकायदा गुरुवार को केंद्रीय जल आयोग नई दिल्ली से जनवरी माह की रिपोर्ट मंगा ली। रिपोर्ट में प्रदेश को क्लीनचिट दी गई है। जल आयोग की रिपोर्ट बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी विस्तृत जवाब देने की तैयारी में जुट गए हैं। वे शुक्रवार को अपना पक्ष दिल्ली सरकार के समक्ष रखेंगे।
बता दें कि यमुना में अमोनिया की बढ़ती मात्रा को लेकर छिड़े विवाद को देखते हुए पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 13 जनवरी को भी दिल्ली सरकार को फैक्स कर कहा था कि वह हरियाणा पर आरोप लगाने के बजाय अपने गिरेबान में झांके। पानीपत में तो यमुना सूखी है।
दिल्ली में पानी की आपूर्ति सोनीपत के बैरक संख्या आठ से की जा रही है। साथ ही अधिकारियों ने हरियाणा की सीमा के बाद दिल्ली के वजीराबाद बैरक तक पहुंचने में 25 किलोमीटर का क्षेत्र दिल्ली का होने का हवाला देते हुए इसकी जांच कराने का मुद्दा उठाया।
पानीपत में की बैठकहरियाणा पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन महावीर सिंह ने बृहस्पतिवार को यहां जिला उपायुक्त समीर पाल सरो और पर्यावरण से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक। बैठक में डीसी ने कहा कि यमुना में छोड़े जाने वाले पानी का हर माह सैंपल लिया जाएगा। उन्होंने एसडीएम अश्वनी मलिक के नेतृत्व में नोडल कमेटी भी गठित। महावीर सिंह दिल्ली में बैठक में भाग लेकर लौट रहे थे।
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