अनुच्छेद 35ए पर अपना पक्ष स्पष्ट करे केंद्र : सिन्हा
यशवंत सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि अनुच्छेद 35ए के मुद्दे पर कश्मीर में लोग आशंकित हैं।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से अनुच्छेद 35ए के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की सरकार ने पहले ही सर्वाेच्च न्यायालय में इस मुद्दे पर जवाब दाखिल कर अपना पक्ष रख दिया है।
नई दिल्ली स्थित बुद्धिजीवियों के एक समूह कंसर्ड सिटीजंस ग्रुप (सीसीजी) के प्रतिनिधिमंडल का कश्मीर में नेतृत्व कर रहे यशवंत सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि अनुच्छेद 35ए के मुद्दे पर कश्मीर में लोग आशंकित हैं। सर्वाेच्च न्यायालय में 35ए को समाप्त करने वाली याचिका के खिलाफ राज्य सरकार अपना पक्ष रख चुकी है। केंद्र सरकार को भी इस संवेदनशील मुद्दे पर अपने पक्ष और नीतियां स्पष्ट कर देनी चाहिए। केंद्र का इस मसले पर चुप्पी साधे रखना कश्मीरियों में केंद्र के प्रति अविश्वास की भावना को ही बढ़ा रहा है।
यशवंत सिन्हा के साथ एयर वाइस मार्शल (रिटायर्ड) कपिल काक, पत्रकार भारत भूषण और सेंटर फायर डायलॉग एंड रिकांसिलिएशन की निदेशक सुशोभा बर्वे भी बुधवार से कश्मीर दौरे पर हैं। सिन्हा ने कहा कि हम पिछले साल भी कश्मीर में विभिन्न वर्गाें से मिले थे, ताकि यहां के हालात और जज्बात को समझकर कश्मीर समस्या के समाधान और शांति बहाली की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गोली को कश्मीर समस्या का हल मानने से इन्कार करने पर अपनी प्रतिक्रिया जताते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो स्वतंत्रता दिवस समारोह में अपने भाषण के दौरान कहा है, वह केंद्र की कश्मीर के प्रति बदलती नीतियों का परिचायक है। इससे उम्मीद है कि हालात में सुधार होगा और जल्द ही कश्मीर में अमन बहाली और सुलह की एक नई पहल होगी।
नेकां अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला के साथ मुलाकात पर उन्होंने कहा कि हमने कश्मीर के मौजूदा हालात, राज्य सरकार व केंद्र की कश्मीर नीतियों पर चर्चा की है। इसके अलावा कुपवाड़ा में सिविल सोसायटी व छात्रों के साथ भी कश्मीर के हालात पर बातचीत कर उनकी राय ली है।
विशेष सत्र बुलाए राज्य सरकार : उमर
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के कार्यवाहक अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को सरकार से धारा 35ए के मुद्दे पर राज्य विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह सत्र 29 अगस्त से पहले होना चाहिए।
पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में उमर ने कहा कि धारा 35ए और धारा 370 हमारे लिए बहुत अहम हैं। इन्हें समाप्त करने की लगातार साजिशें रची जा रही हैं। सर्वाेच्च न्यायालय में इन याचिकाओं पर 29 अगस्त 2017 को सुनवाई होनी है। इसलिए धारा 35ए और धारा 370 के संरक्षण को यकीनी बनाने और इन्हें समाप्त करने की साजिशों को नाकाम बनाने की रणनीति तैयार करने के लिए विधानमंडल के दोनों सदनों का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए।
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